बिहार की राजनीति में हाल ही में एक नया विवाद देखने को मिला, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने भी करारा पलटवार किया और लालू यादव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
क्या कहा था लालू यादव ने?
लालू यादव ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि "जो लोग जानवरों का चारा खाने में सक्षम हैं, उन्हें जनता की भलाई से कोई मतलब नहीं होता।" यह बयान सीधे-सीधे चारा घोटाले से जुड़े पुराने मामलों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष था।
पीएम मोदी का जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू यादव के इस बयान का जवाब देते हुए कहा, "जो खुद घोटालों में डूबे हों, वे दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।" मोदी का यह बयान लालू यादव के चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने की ओर इशारा करता है, जिसमें वे पहले ही सजा काट चुके हैं।
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस बयानबाज़ी के बाद बिहार की राजनीति में गरमाहट आ गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने लालू यादव के बयान की कड़ी आलोचना की और इसे "राजनीतिक हताशा" करार दिया। वहीं, राजद के समर्थक इसे "मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता की आवाज़" बता रहे हैं।
आगामी चुनावों पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बयानबाज़ी आगामी लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बिहार में भाजपा और राजद के बीच राजनीतिक लड़ाई लगातार तेज़ होती जा रही है, और दोनों ही दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
राजनीति में ऐसे तंज़ और जवाबी हमले कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बयानबाज़ी को किस तरह लेती है और आगामी चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है। फिलहाल, बिहार की राजनीति में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है।