भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी फ्रांस और अमेरिका यात्रा पर रवाना हो चुके हैं, जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को लेकर प्रमुख सहयोग चर्चाओं के केंद्र में रहेगा। इस यात्रा का उद्देश्य तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देना और भारत को एक डिजिटल शक्ति के रूप में स्थापित करना है।
फ्रांस यात्रा: रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयाँ
फ्रांस भारत का महत्वपूर्ण रणनीतिक सहयोगी है और इस यात्रा के दौरान रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नए समझौतों की उम्मीद की जा रही है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारत और फ्रांस मिलकर नए अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, रक्षा क्षेत्र में एआई के उपयोग पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अमेरिका में एआई और तकनीकी विकास पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा का मुख्य आकर्षण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उन्नत तकनीकों से जुड़ा सहयोग रहेगा। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और अन्य प्रमुख टेक कंपनियों के साथ बातचीत की योजना है, जिससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। एआई को शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी सेवाओं में लागू करने की संभावनाओं पर भी विचार होगा।
एआई के क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका
भारत एआई के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे वैश्विक मंच पर प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के प्रयास कर रहा है। इस यात्रा से भारत को नए निवेश, तकनीकी हस्तांतरण और उन्नत एआई अनुसंधान के अवसर मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा न केवल भारत-फ्रांस और भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती देगी, बल्कि एआई तकनीक में भारत की वैश्विक भागीदारी को भी नया आयाम देगी।
