आज के समय में जब खाने-पीने से लेकर किराने का सामान मिनटों में हमारे दरवाजे तक पहुंचाया जा रहा है, बेंगलुरु की एक स्टार्टअप कंपनी टॉपमेट (TopMate) ने इससे भी एक कदम आगे बढ़कर दावा किया है कि वे "10 मिनट में इंसानों की डिलीवरी" करने की सुविधा देने जा रहे हैं। इस अजीबो-गरीब दावे ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। लेकिन क्या वाकई में यह संभव है? या यह सिर्फ एक मार्केटिंग रणनीति है? आइए जानते हैं।
क्या है टॉपमेट का दावा?
बेंगलुरु स्थित इस स्टार्टअप का कहना है कि वे एक ऐसी सेवा लॉन्च कर रहे हैं जिससे लोगों को 10 मिनट के अंदर एक व्यक्ति की डिलीवरी मिल सकेगी, चाहे वह कोई असिस्टेंट हो, डिलीवरी बॉय हो, या कोई भी अन्य ऑन-डिमांड सेवा देने वाला व्यक्ति।
इससे पहले, ब्लिंकइट, ज़ेप्टो, स्विगी इंस्टामार्ट और बिगबास्केट जैसी कंपनियों ने 10-15 मिनट में किराने का सामान और अन्य आवश्यक चीजें डिलीवर करने की सुविधा शुरू की थी। लेकिन इंसानों की डिलीवरी? यह एक नया और हैरान करने वाला विचार है।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
टॉपमेट का कहना है कि उन्होंने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और हाइपरलोकल नेटवर्क का उपयोग करके ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिससे जरूरतमंद लोग 10 मिनट में एक व्यक्ति को सेवा के लिए बुला सकते हैं।
- अगर आपको कोई असिस्टेंट चाहिए जो आपके काम में मदद करे, तो आप ऐप के जरिए उसे ऑर्डर कर सकते हैं।
- ड्राइवर या डिलीवरी पार्टनर की जरूरत हो, तो भी यह प्लेटफॉर्म तुरंत किसी को भेज देगा।
- पर्सनल असिस्टेंस, मेंटेनेंस स्टाफ या कोई अन्य ऑन-डिमांड सर्विस प्रोवाइडर भी इसी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे।
सोशल मीडिया पर मीम्स और मज़ाक
टॉपमेट के इस दावे ने इंटरनेट पर एक नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर कई लोग इस पर मीम्स और मज़ाकिया पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
- कुछ यूजर्स ने लिखा, "अब दोस्त भी 10 मिनट में डिलीवर होंगे!"
- एक अन्य ने कहा, "क्या बॉस को भी 10 मिनट में बुलाकर मीटिंग करवाई जा सकती है?"
- वहीं, कई लोगों ने इस पर सवाल उठाए कि "क्या यह सेवा ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ी तो नहीं?"
कानूनी और नैतिक सवाल
हालांकि, इस तरह की सेवा को लेकर कई कानूनी और नैतिक सवाल भी उठ रहे हैं।
- क्या कर्मचारियों का शोषण तो नहीं होगा?
- क्या इससे लेबर लॉ का उल्लंघन तो नहीं होगा?
- डेटा सिक्योरिटी और सेफ्टी के क्या इंतजाम होंगे?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएंगे।
क्या ब्लिंकइट, ज़ेप्टो, स्विगी पर असर पड़ेगा?
टॉपमेट के इस कदम के बाद लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या यह ऑन-डिमांड डिलीवरी इंडस्ट्री के लिए खतरा बन सकता है? हालांकि, ब्लिंकइट, ज़ेप्टो, स्विगी इंस्टामार्ट, और अन्य कंपनियां फिलहाल किराने और खाने-पीने की चीज़ों पर फोकस कर रही हैं।
टॉपमेट की यह सेवा एक अलग सेक्टर में काम कर रही है, लेकिन अगर यह सफल होती है तो हो सकता है कि ये बड़ी कंपनियां भी इसी दिशा में कदम बढ़ाएं।
निष्कर्ष: क्या यह सच में मुमकिन है?
टॉपमेट का यह दावा फिलहाल एक मार्केटिंग स्टंट जैसा लग रहा है। लेकिन अगर यह सच साबित होता है, तो यह ऑन-डिमांड सर्विस इंडस्ट्री में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। हालांकि, इसके लिए कानूनी और नैतिक चुनौतियों से पार पाना होगा।
अब देखना होगा कि यह स्टार्टअप अपने इस वादे को सच कर पाता है या नहीं! आपका क्या सोचना है? क्या आप 10 मिनट में किसी इंसान की डिलीवरी की कल्पना कर सकते हैं?