बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹3.15 लाख करोड़ का बजट पेश किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक है।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर:
सरकार ने 6 लाख सरकारी नौकरियाँ प्रदान करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें पुलिस सिपाही और शिक्षकों की बड़ी भर्तियाँ शामिल हैं। चुनाव से पहले 3 लाख युवाओं को नौकरी देने की योजना है, जबकि शेष 3 लाख भर्तियाँ चुनाव के बाद की जाएंगी।
किसानों के लिए विशेष प्रावधान:
किसानों को सस्ती बिजली, ट्यूबवेल लगाने पर सब्सिडी, डीजल पर सब्सिडी और फिक्स चार्ज में छूट जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, धान और गेहूं की खरीद के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया है।
महिला सशक्तिकरण के लिए कदम:
महिलाओं को उद्योगों में निवेश करने पर अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी, विशेषकर दलित महिलाओं के लिए अलग से राशि आवंटित की गई है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए जीविका के विस्तार का निर्णय लिया गया है।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर:
शिक्षा विभाग के लिए बजट का 18.89% आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.44% अधिक है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
गरीबों और बुजुर्गों के लिए योजनाएँ:
94 लाख अति गरीब परिवारों को ₹2-2 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। वृद्धा पेंशन में वृद्धि कर इसे ₹1,000 प्रति माह किया गया है, साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस योजना का भी ऐलान किया गया है।
आधारभूत संरचना और विकास:
बजट में आधारभूत संरचनाओं के सृजन पर जोर दिया गया है, साथ ही सात निश्चय पार्ट-2 को परिणति तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की गई है।
इस बजट के माध्यम से सरकार ने राज्य के समावेशी और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है, जिससे बिहार की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।