बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी: पाकिस्तान से स्वतंत्रता की लड़ाई और इसके प्रभाव

Jitendra Kumar Sinha
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बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र कर एक स्वतंत्र राष्ट्र स्थापित करना है। BLA की स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई थी, और तब से यह संगठन पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल है।


इतिहास और पृष्ठभूमि

1947 में भारत से अलग होकर पाकिस्तान की स्थापना के समय, बलूचिस्तान (तत्कालीन कलात रियासत) ने भी अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी। हालांकि, मार्च 1948 में पाकिस्तान ने सैन्य बल का उपयोग करके बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया, जिससे वहां के लोगों में असंतोष और विरोध की भावना उत्पन्न हुई। इसके बाद से बलूचिस्तान में कई बार विद्रोह हुए हैं, जिनमें 1948, 1958-59, 1973-77 और 2004 के बाद के विद्रोह शामिल हैं।


कारण और उद्देश्यों

BLA और अन्य बलूच अलगाववादी समूहों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है, जबकि स्थानीय बलूच लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। वे आरोप लगाते हैं कि बलूच लोगों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक भेदभाव किया जा रहा है, जिससे उनकी पहचान और अधिकार खतरे में हैं।


गतिविधियां और हमले

BLA ने पाकिस्तान में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है, जिनमें सुरक्षा बलों, सरकारी प्रतिष्ठानों और चीनी निवेश परियोजनाओं (विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा या CPEC) को निशाना बनाया गया है। उदाहरण के लिए, 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला, 2019 में ग्वादर में एक लग्जरी होटल पर हमला, और 2022 में कराची विश्वविद्यालय में आत्मघाती बम विस्फोट शामिल हैं।


चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और बलूचिस्तान

CPEC, जो चीन और पाकिस्तान के बीच एक बहु-अरब डॉलर की परियोजना है, बलूचिस्तान से होकर गुजरती है। BLA का मानना है कि इस परियोजना से बलूच लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है, बल्कि उनके संसाधनों का शोषण हो रहा है। इसलिए, BLA ने CPEC से जुड़ी परियोजनाओं और चीनी कर्मियों पर हमले तेज कर दिए हैं।


अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण

पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने BLA को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। इसके बावजूद, BLA बलूच लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत है, और बलूचिस्तान में संघर्ष की स्थिति जारी है।


बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का संघर्ष पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। बलूच लोगों के अधिकारों, संसाधनों के नियंत्रण और सांस्कृतिक पहचान के मुद्दों को संबोधित किए बिना इस संघर्ष का समाधान कठिन प्रतीत होता है। पाकिस्तान सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह बलूचिस्तान के लोगों की चिंताओं को समझे और उनके समाधान के लिए सार्थक कदम उठाए, ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता स्थापित हो सके।




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