अमेरिका द्वारा भारत से उच्च कीमतों की मांग के बीच, मोदी सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए कड़ा रुख अपनाया है। इस फैसले से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं।
व्यापार वार्ता का संदर्भ
अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में लंबे समय से तनाव रहा है। अमेरिका भारतीय कृषि उत्पादों पर ऊंचे शुल्क और सब्सिडी में कटौती की मांग कर रहा है, जिससे भारतीय किसानों को नुकसान हो सकता है। मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसानों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी दबाव के आगे झुकेगी नहीं।
मोदी सरकार का सख्त रुख
भारत सरकार ने जोर देकर कहा है कि किसानों की आजीविका और आत्मनिर्भरता सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि वह अपने कृषि नीति में कोई ऐसा बदलाव नहीं करेगी, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो। यह रुख अमेरिका को रास नहीं आ रहा है, और इससे ट्रंप प्रशासन में असंतोष बढ़ रहा है।
ट्रंप की नाराजगी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका की ओर से भारत पर दबाव डाला जा रहा था कि वह अपने कृषि क्षेत्र में कुछ रियायतें दे, लेकिन मोदी सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया। इससे ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ व्यापार वार्ता में सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं।
भारत की रणनीति
भारत ने अपने रुख को मजबूत करते हुए कहा है कि वह व्यापारिक संतुलन बनाए रखने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत को तैयार है, लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। सरकार ने घरेलू कृषि क्षेत्र की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अमेरिका के किसी भी अनुचित दबाव को अस्वीकार कर दिया है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव का यह मामला न केवल दोनों देशों के आर्थिक संबंधों पर प्रभाव डालेगा, बल्कि भारतीय किसानों के भविष्य को भी प्रभावित करेगा। मोदी सरकार के इस सख्त रुख ने दिखा दिया है कि भारत अपने किसानों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, भले ही इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अस्थिरता क्यों न आए।