डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिकी सेना ने यमन में हौथी विद्रोहियों पर भीषण हमला किया, जिसमें अब तक 19 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। यह हमला अमेरिका द्वारा हौथी विद्रोहियों के खिलाफ की गई सबसे घातक कार्रवाई मानी जा रही है।
हमले की पृष्ठभूमि
हौथी विद्रोही, जो ईरान समर्थित माने जाते हैं, लंबे समय से यमन में संघर्ष कर रहे हैं। अमेरिका ने इन विद्रोहियों को आतंकवादी संगठन घोषित किया था, जिसके बाद यह हमला किया गया।
अमेरिकी कार्रवाई का उद्देश्य
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य हौथी विद्रोहियों की ताकत को कमजोर करना और यमन में स्थिरता लाना है। अमेरिका ने यह कदम यमन सरकार और सऊदी अरब के समर्थन में उठाया है।
हौथी विद्रोहियों की प्रतिक्रिया
हौथी विद्रोहियों ने इस हमले की निंदा की है और इसे आक्रामक कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा है कि वे अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस हमले पर चिंता व्यक्त की है और शांति वार्ता के माध्यम से समस्या के समाधान की अपील की है।
यह हमला यमन में चल रहे संघर्ष को और भड़का सकता है और क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दे सकता है। हालांकि, अमेरिका ने इसे आवश्यक कदम बताया है ताकि आतंकवाद के खतरे को खत्म किया जा सके।
आगे की जानकारी के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नजरें यमन की स्थिति पर टिकी रहेंगी।