भारत के राजस्थान राज्य में स्थित मेवाड़ क्षेत्र का एक अनोखा गांव 'राजसमंद' अपने अद्वितीय नियमों के लिए प्रसिद्ध है। इस गांव में बाहरी लोगों को किसी भी वस्तु को छूने की सख्त मनाही है।
गांव के लोगों का मानना है कि बाहरी लोगों के छूने से उनकी पवित्रता भंग हो जाती है। इसलिए, गांव में प्रवेश करने वाले आगंतुकों को सावधानी बरतनी पड़ती है और वे किसी भी वस्तु या व्यक्ति को छूने से बचते हैं।
इस गांव में स्थानीय परंपराएं और धार्मिक मान्यताएं गहराई से जुड़ी हुई हैं, और यहां के लोग अपने रीति-रिवाजों को बनाए रखने में गर्व महसूस करते हैं। हालांकि, इस नियम के कारण बाहरी लोगों को असुविधा होती है, लेकिन गांववाले इसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा मानते हैं।
भारत के संविधान और कानून के अनुसार, किसी को भी इस प्रकार की पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं है, लेकिन इस गांव में स्थानीय परंपराएं और मान्यताएं इतनी मजबूत हैं कि सरकारी हस्तक्षेप भी यहां कारगर साबित नहीं होता।
यह गांव न केवल अपनी अनोखी परंपराओं के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। हालांकि, यहां आने वाले लोगों को स्थानीय नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है।
राजसमंद गांव का यह नियम भारतीय संस्कृति की विविधता और परंपराओं की गहरी जड़ों को दर्शाता है, जो आज भी आधुनिकता के प्रभाव से अछूता है।