बिहार सरकार के पशुपालन निदेशक नवदीप शुक्ला ने कहा कि “क्लासिकल स्वाइन फीवर” से बचाव के लिए राज्य में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। टीका लगाने का लक्ष्य 10 दिनों में 2,32,160 सूकरों के लिए निर्धारित किया गया है। टीकाकरण राज्य के सभी जिलों में निःशुल्क किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक टीकाकरण की प्रक्रिया चल रही है। केवल 3 महीने से अधिक उम्र के सूकरों को यह टीका लगाया जा रहा है । उन्होंने पशुपालकों से अपील किया है कि किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी के लिए वे पशुपालन निदेशालय से संपर्क कर सकते हैं।
पशुपालन निदेशालय द्वारा सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि टीकाकरण अभियान प्रभावी रूप से संचालित हो सके। निदेशालय ने पशुपालकों से अपील किया है कि वे इस कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठाएं और अपने सूकरों को क्लासिकल स्वाइन फीवर जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रखें।
पशुपालन निदेशालय ने सभी जनप्रतिनिधियों और स्थानीय निकायों से भी अपील किया है कि वे इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें, ताकि किसी भी योग्य सूकर का टीकाकरण न छूटे और राज्य में क्लासिकल स्वाइन फीवर के प्रसार को पूरी तरह रोका जा सके।
क्लासिकल स्वाइन फीवर एक वायरस जनित घातक बीमारी है, जो मुख्य रूप से सूकरों को प्रभावित करती है। यह बीमारी मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं है और अन्य पालतू जानवरों में नहीं फैलती है, लेकिन सूकरों में अत्यधिक मृत्यु दर का कारण बनती है। यह बीमारी सूकर पालन व्यवसाय को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है।
केन्द्र सरकार के पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत इस बीमारी की रोकथाम के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि वर्ष 2030 तक क्लासिकल स्वाइन फीवर का पूर्ण उन्मूलन किया जा सके।
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग इस अभियान को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सुरक्षा और पशुधन को रोगमुक्त रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है।