राजस्थान के आनंदपुरी (बांसवाड़ा) शहर से 60 किलोमीटर दूर गांगड़तलाई के पास सोडला दूदा गांव में पहली बार एक “चर्च” को “हिन्दू मंदिर” में परिवर्तित किया जा रहा है। इस मंदिर में धूमधाम के साथ “भैरूजी की मूर्ति” प्रतिष्ठापित हो रही है। “चर्च” को “मंदिर” में बदलने के लिए भगवा रंग-रोगन किया गया है। मंदिर के अंदर और बाहर की दीवारों पर 'जय श्री राम' लिखा गया है।
तीस साल पहले जांबूड़ी ग्राम पंचायत के सोडला दूदा गांव के ईसाई बने तीस परिवारों के करीब 70 लोगों ने छह माह पूर्व एक कार्यक्रम में ईसाई धर्म छोड़कर फिर हिन्दू धर्म अपनाया था। हिन्दू धर्म में वापस आने के बाद भगवा रंग में रंगी इमारत, जो पहले चर्च था, “चर्च” को “मंदिर” बनाने के लिए 20 फरवरी को मीटिंग कर निर्णय लिया कि चर्च ही मंदिर बनेगा।
जांबूड़ी ग्राम पंचायत के सोडला दूदा गांव 240 परिवारों का गांव है, इसमें से 45 परिवारों ने तीन दशक पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। गत वर्ष 29 सितंबर को गांगड़तलाई में हिन्दू संगठन के बैनर तले 'त्रिशूल दीक्षा' कार्यक्रम आयोजित किया था।
सूत्रों के अनुसार, तीन दशक पहले ईसाई धर्म अपनाने वाले लोग ने बताया कि मुझे लालच दिया था। मैं पहले हिन्दू था, लेकिन पादरियों ने मुझे पैसों और दवाइयों का लालच देकर, धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया था। हालांकि, इससे मुझे कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। अब मैं पुनः हिन्दू धर्म में लौटा हूं, तो मुझे मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिल रही है।