म्यांमार में 28 मार्च 2025 को आए विनाशकारी भूकंप के बाद, भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत सहायता भेजी है। इस अभियान के अंतर्गत, भारतीय सेना की शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की 118 सदस्यीय टीम, लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति के साथ म्यांमार रवाना हुई। यह टीम आपदा-प्रभावित क्षेत्रों में उन्नत चिकित्सा और सर्जरी सेवाएं प्रदान करने में विशेषज्ञता रखती है।
इसके अतिरिक्त, भारतीय नौसेना ने दो नौसैनिक जहाजों को राहत सामग्री और बचाव उपकरणों के साथ म्यांमार भेजा है। इन जहाजों पर चिकित्सा कर्मी, राहत सामग्री, और आवश्यक उपकरण मौजूद हैं, जो भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में सहायता करेंगे।
राहत सामग्री में टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाद्य पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा 15 टन राहत सामग्री यांगून भेजी गई है।
म्यांमार और थाईलैंड में आए इस भूकंप में अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1,670 से अधिक लोग घायल हुए हैं। म्यांमार की सत्तारूढ़ जुंटा ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता के लिए अनुरोध किया है और छह क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति घोषित की है।
भारत की यह त्वरित और समर्पित प्रतिक्रिया दर्शाती है कि संकट के समय में पड़ोसी देशों की सहायता करना हमारी परंपरा और कर्तव्य है। यह पहल भारत की "फर्स्ट रिस्पॉन्डर" की नीति को दर्शाती है, जो आपदा के समय में त्वरित सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इससे पहले भी, भारत ने 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद 'ऑपरेशन मैत्री' के तहत राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
म्यांमार में भूकंप के बाद की स्थिति और भारत की सहायता के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो को देख सकते हैं: