इस वर्ष प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्रों पर अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति समुदाय के 2,400 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण (कोचिंग) का लाभ मिलेगा। इस प्रशिक्षण (कोचिंग) का लाभ उठाकर सभी अभ्यर्थी सरकारी नौकरियों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
प्रशिक्षण केन्द्रों पर विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना के तहत अबतक 10,764 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए हैं। इस वर्ष के लिए सरकार ने जो योजना बनाई है, उसकी घोषणा वर्तमान बजट में भी की गई है। ध्यातव्य है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले अभ्यर्थियों को सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहयोग करती है।
बिहार सरकार का अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग यह प्रशिक्षण दिलाता है। अभी प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र के तहत अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को संघ लोक सेवा आयोग, बिहार लोक सेवा आयोग और अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए 10 जिलों के विश्वविद्यालयों के तत्वावधान में एक-एक प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है। सरकार का मकसद है कि इन वर्ग के युवाओं का सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व बढ़े और उनका शैक्षणिक उत्थान हो।
प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र पटना, भागलपुर, दरभंगा, गया, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, सारण, सहरसा, पूर्णिया और मुंगेर में संचालित है।
इसके साथ ही इन समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिए राज्य सरकार के स्तर से संपोषित चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना में एक स्टूडेंट गाइडेंस सेंटर भी संचालित किया जा रहा है। इस सेंटर में प्रतिवर्ष 60 विद्यार्थियों को कॉमन एडमिशन टेस्ट (सीएटी) आदि की तैयारी के लिए कोचिंग दी जाती है।