नासा ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी की तारीख और समय की पुष्टि की है। उनकी वापसी के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
वापसी की चुनौतियां
शरीर पर प्रभाव: गुरुत्वाकर्षण में लंबे समय तक रहने के कारण मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी आ जाती है।
मानसिक तनाव: अंतरिक्ष में अलग-थलग रहने के कारण मानसिक दबाव बढ़ता है।
अनुकूलन प्रक्रिया: पृथ्वी पर लौटने के बाद शरीर को नए वातावरण के अनुकूल होने में समय लगता है।
नासा की तैयारी
नासा ने सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए विशेष पुनर्वास कार्यक्रम तैयार किया है, जिसमें शारीरिक थेरेपी और मानसिक स्वास्थ्य समर्थन शामिल है।
सुनीता विलियम्स की वापसी विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्राओं को सुरक्षित और प्रभावी बनाने में मदद करेगा।