स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा यह फैसला
राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा लोक स्वास्थ्य संवर्ग और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग के गठन को हरी झंडी देते हुए यह स्पष्ट संकेत दिया गया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ, व्यवस्थित और कुशल बनाना चाहती है। इस निर्णय से जहां राज्य में नई नियुक्तियों का द्वार खुलेगा, वहीं वर्षों से संविदा पर कार्यरत कर्मियों को स्थायी पद और पदोन्नति का लाभ भी मिल सकेगा।
तीन नए निदेशालयों का गठन
इस संरचनात्मक बदलाव के तहत लोक स्वास्थ्य निदेशालय, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय नामक तीन नए निदेशालयों का गठन किया जाएगा। प्रत्येक निदेशालय के प्रमुख महानिदेशक होंगे, जबकि समन्वय के लिए एक महानिदेशक-सह-विशेष सचिव का पद भी सृजित किया गया है।
2,192 करोड़ रुपये का अनुमानित वार्षिक व्यय
इन 20,016 पदों पर भर्ती से राज्य सरकार पर सालाना लगभग 2,192 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिन पदों का सृजन किया गया है, उनमें चिकित्सा पदाधिकारी, लोक स्वास्थ्य अधिकारी, हॉस्पिटल मैनेजर, और कम्युनिटी प्रोसेस को-ऑर्डिनेटर शामिल हैं। यह कदम बिहार के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने जताया मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का आभार
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस फैसले को जनहित में एक "महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय" बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सम्राट चौधरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब तक डॉक्टरों को चिकित्सा सेवा के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन का भी जिम्मा संभालना पड़ता था, लेकिन अब प्रशासन और चिकित्सा के कार्य अलग-अलग विशेषज्ञों के जिम्मे होंगे, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार होगा।
अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने दी विस्तृत जानकारी
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर और हॉस्पिटल मैनेजमेंट कैडर के गठन से डॉक्टरों को अब गैर-चिकित्सीय कार्यों से मुक्ति मिलेगी और वे अपने मूल कार्य – मरीज़ों के इलाज – पर अधिक ध्यान दे सकेंगे। साथ ही, इन दोनों नए संवर्गों के लिए अलग-अलग डायरेक्टर-इन-चीफ नियुक्त किए जाएंगे जो पूरी व्यवस्था की निगरानी करेंगे।
नियुक्तियों के लिए विशेष कोषांग का गठन
नवीन पदों पर नियुक्तियों के लिए नियमावली निर्माण हेतु विशेष कोषांग के गठन का निर्देश भी दिया गया है। इस कोषांग की प्राथमिकता होगी जल्द से जल्द सभी प्रक्रियाएं पूरी कर नई नियुक्तियों की राह प्रशस्त करना।
