बिहार अब आईटी हब बनने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ा चुका है। राज्य सरकार की नई आईटी नीति-2024 का असर अब धरातल पर नजर आने लगा है। इसी क्रम में सोमवार को सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने पटना स्थित बिस्कोमान टावर में 10 नई स्टार्टअप कंपनियों को नि:शुल्क ऑफिस स्पेस की चाबियां सौंपीं। यह कदम न केवल बिहार में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा।
बिस्कोमान टावर बन रहा बिहार का आईटी पार्क
राजधानी पटना का बिस्कोमान टावर अब सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक उभरता हुआ आईटी पार्क बनता जा रहा है। यहां पहले से ही 13 स्टार्टअप कंपनियों को ऑफिस स्पेस दिया जा चुका है, और अब 10 नई कंपनियां इसमें शामिल हो गई हैं। नौवीं और 13वीं मंजिल पर इन कंपनियों को कार्यालय स्थान मुहैया कराया गया है। यहां न सिर्फ ऑफिस स्पेस बल्कि आधुनिक सुविधाएं जैसे इंटरनेट, एयर कंडीशन, केबिन, स्वागत क्षेत्र, समर्पित लिफ्ट, कैफेटेरिया, वाहन पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से नि:शुल्क दी जा रही हैं।
युवाओं को प्रोत्साहन, निवेशकों को सब्सिडी
मंत्री मंटू ने इस अवसर पर कहा कि बिहार की आईटी नीति 2024 के तहत निवेशकों को पूंजीगत निवेश सब्सिडी, ब्याज अनुदान, लीज रेंटल, विद्युत बिल सब्सिडी और रोजगार सृजन सब्सिडी जैसे अनेक लाभ दिए जा रहे हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य स्पष्ट है—बिहार में एक मजबूत आईटी इकोसिस्टम तैयार करना और युवाओं को स्वावलंबी बनाना।
छह महीने की नि:शुल्क सुविधा, परफॉर्मेंस के आधार पर विस्तार
आईटी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि स्टार्टअप कंपनियों को छह महीने के लिए नि:शुल्क ऑफिस स्पेस प्रदान किया जाता है। इस अवधि के बाद उनके कार्यों की समीक्षा कर इसे अगले छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह सुविधा केवल स्पेस तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकार की मंशा है कि इन कंपनियों को समुचित माहौल, संसाधन और समर्थन मिल सके ताकि वे बिहार को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भूमिका निभा सकें।
नई उड़ान भरने को तैयार स्टार्टअप कंपनियां
जिन कंपनियों को इस योजना का लाभ मिला है, उनमें हाईप्रोटेक इंडिया टेक्नोलॉजी प्रा. लि., ग्रीन स्टार्क इलेक्ट्रॉनिक्स प्रा. लि., फ्लो एपीआईज प्रा. लि., सेवासिटी टेक्नोलॉजी प्रा. लि., स्कास टेक्नोलॉजीज प्रा. लि., ऑस्टोमवर्स इनोवेशन प्रा. लि., मोमेंटम प्लस ऑनलाइन टेक्नोलॉजी, पॉलीट्रॉपिक सिस्टम्स प्रा. लि., मकासा इंडस्ट्रीज प्रा. लि. और एचपीएफ वेंचर इंडिया प्रा. लि. शामिल हैं। इन सभी युवा कंपनियों को आईटी मंत्री ने खुद चाबियां सौंपीं—एक प्रतीकात्मक लेकिन प्रेरणादायक क्षण।
आशा और आत्मनिर्भरता की राह
कार्यक्रम के अंत में विभाग के विशेष सचिव अरविन्द कुमार चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि यह पहल सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बिहार की ओर एक ठोस कदम है। राज्य की युवा शक्ति और सरकार की दूरदर्शी नीति मिलकर जिस तरह काम कर रही है, वह निश्चित रूप से बिहार को देश के प्रमुख तकनीकी केंद्रों की सूची में लाकर खड़ा कर सकती है।
