जेएनयू में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ छात्रों का उग्र प्रदर्शन

Jitendra Kumar Sinha
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर छात्र राजनीति का केंद्र बन गया है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला। इस प्रदर्शन में NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया), PSA (प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और CRJD (छात्र राष्ट्रीय जनता दल) जैसे विभिन्न छात्र संगठनों ने एकजुट होकर भाग लिया।


छात्रों ने सरकार के इस कानून को "मुस्लिम विरोधी" बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाज़ी की और वक्फ संशोधन अधिनियम की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।


प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यह नया कानून सरकार को मस्जिदों और कब्रिस्तानों जैसी वक्फ संपत्तियों पर दावा करने का रास्ता देता है, जो अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर यह कानून वापस नहीं लिया गया, तो देशभर में इसको लेकर आंदोलन तेज़ हो सकते हैं।


छात्र संगठनों ने हाल ही में कृषि कानूनों की वापसी का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह किसानों के शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा, वैसे ही यह कानून भी जनविरोध और एकता के बल पर रद्द किया जा सकता है।


जेएनयू पहले भी अनेक बार सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर छात्रों की आवाज़ का गढ़ रहा है और एक बार फिर यह कैंपस छात्रों के विरोध की गूंज से भर गया है।


सरकार की ओर से अब तक इस प्रदर्शन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन छात्रों का कहना है कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक यह अधिनियम रद्द नहीं किया जाता।

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