मुर्शिदाबाद हिंसा: वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में उग्र प्रदर्शन और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

Jitendra Kumar Sinha
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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुए संघर्ष ने राज्य की राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। यह हिंसा नए वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई, जिसने राज्य में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।


विरोध की शुरुआत और हिंसा का रूप लेना

8 अप्रैल 2025 को उमरपुर, जंगीपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम की और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। 11 अप्रैल को हिंसा और बढ़ गई; जंगीपुर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस जीप को आग लगाई, कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया, और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस सांसद खलीलुर रहमान के कार्यालय में तोड़फोड़ की। निमतिता रेलवे स्टेशन पर ट्रेन सेवाएं बाधित की गईं, पथराव हुआ, और स्टेशन की संपत्ति को नुकसान पहुंचा। इन घटनाओं में सात से दस पुलिसकर्मी घायल हुए, कई नागरिक भी जख्मी हुए। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया गया, और कम से कम दो ट्रेनों को रद्द या मार्ग परिवर्तित करना पड़ा। 


वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025: विवाद की जड़

यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और संचालन में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है। पार्लियामेंट से मंजूरी के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति से यह कानून बन गया। पश्चिम बंगाल में, जहां मुस्लिम समुदाय की संख्या अधिक है, इस अधिनियम का विरोध तेज हो गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया कि राज्य में इस कानून को लागू नहीं किया जाएगा, फिर भी विरोध जारी रहा। 


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस हिंसा को पूर्व नियोजित बताते हुए इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला कहा। उन्होंने इसे जिहादी ताकतों का काम करार दिया, जो भय और अराजकता फैलाना चाहती हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत Majumdar ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंदुओं को धमकाकर बांग्लादेश जैसा माहौल बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी केंद्रीय गृह मंत्री से संपर्क में है और उन्हें हालात से अवगत कराया है।  


मुख्यमंत्री की अपील और राज्य सरकार की स्थिति

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की निंदा की और सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लागू नहीं करेगी, क्योंकि यह केंद्रीय सरकार का कानून है। उन्होंने लोगों से शांत रहने और धर्म के नाम पर किसी भी गलत काम से बचने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने राजनीतिक दलों पर आरोप लगाया जो राजनीतिक लाभ के लिए दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, और आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  


मुर्शिदाबाद की घटनाओं ने राज्य की कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को उजागर किया है। राज्य सरकार और केंद्रीय बलों की त्वरित प्रतिक्रिया के बावजूद, लंबे समय में सामाजिक समरसता और शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा। सभी समुदायों और राजनीतिक दलों को मिलकर काम करना होगा ताकि ऐसे हालात फिर से न बनें। 

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