बिहार में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं के तहत तालाब निर्माण, मरम्मत, चौर विकास और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं, जिससे मत्स्य पालन करने वाले किसानों को सीधा लाभ मिलता है। इन्हीं योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक अहम बैठक आयोजित की गई।
योजनावार प्रगति
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY)
इस योजना के तहत नए तालाबों का निर्माण और पुराने तालाबों की मरम्मत की गई है:
नए तालाबों का निर्माण
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मुजफ्फरपुर: 20.01 हेक्टेयर
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शिवहर: 18.14 हेक्टेयर
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कटिहार: 6.79 हेक्टेयर
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अरवल: 7.13 हेक्टेयर
तालाबों की मरम्मत
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मुजफ्फरपुर: 6.33 हेक्टेयर
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शिवहर: 12.62 हेक्टेयर
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कटिहार: 11.88 हेक्टेयर
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अरवल: 0.35 हेक्टेयर
राज्य विशेष सहायता योजना
राज्य की विशेष सहायता योजना के तहत तालाबों का निर्माण एकड़ में हुआ है:
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मुजफ्फरपुर: 21.00 एकड़
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शिवहर: 5.43 एकड़
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कटिहार: 24.00 एकड़
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अरवल: 7.99 एकड़
मुख्यमंत्री चौर विकास योजना (सात निश्चय-2)
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मुजफ्फरपुर: 75.93 हेक्टेयर
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कटिहार: 51.54 हेक्टेयर
(शिवहर और अरवल में इस योजना की जानकारी नहीं दी गई है)
बैठक का उद्देश्य और लाभ
समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सभी योजनाएं समय से पूरी हों और मत्स्य पालकों को पूरा लाभ मिले। इससे राज्य में मत्स्य उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
प्रमुख बिंदु:
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योजनाएं अप्रैल में हर हाल में पूरी हों।
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आवेदनों की तेजी से जांच और प्रक्रिया।
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जिलों को अभी तक की उपलब्धियों पर चर्चा।
बिहार सरकार का मत्स्य पालन को लेकर यह सक्रिय दृष्टिकोण दिखाता है कि वह गांवों में स्वरोजगार और पोषण सुरक्षा को लेकर गंभीर है। केंद्र और राज्य की संयुक्त योजनाओं से बिहार के मत्स्य पालन क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। तालाब निर्माण से लेकर मरम्मत तक, इन योजनाओं से हजारों मत्स्य पालकों को फायदा होगा।