वक्फ संशोधन विधेयक: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का समर्थन

Jitendra Kumar Sinha
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ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है, जिसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। उन्होंने इस विधेयक को मुसलमानों के हित में बताते हुए कहा कि इससे गरीब और कमजोर मुसलमानों को लाभ होगा। उनका मानना है कि कुछ राजनीतिक नेता इस कानून के बारे में भ्रांतियाँ फैला रहे हैं, जैसे कि मस्जिदें और मदरसे छीन लिए जाएंगे, जो कि निराधार हैं।


मौलाना रजवी ने मुसलमानों से अपील की है कि वे उग्र धरना-प्रदर्शन से बचें और शांति बनाए रखें। उन्होंने उदाहरण के रूप में सीएए विरोधी प्रदर्शनों का उल्लेख किया, जिसमें कई युवा अपनी जान गंवा बैठे और कई जेल में बंद हैं। उनका कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक से धार्मिक स्थलों को कोई खतरा नहीं है; मस्जिदों, मदरसों, ईदगाहों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की स्थिति वैसी की वैसी रहेगी। यह विधेयक धार्मिक स्थलों की रक्षा करता है और उनका प्रशासनिक ढाँचा मजबूत बनाता है।


विधेयक के माध्यम से वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग गरीब मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए किया जाएगा। इससे स्कूल, कॉलेज, मदरसे, अस्पताल और यतीमखाने खोले जाएंगे, जिससे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार होगा। मौलाना रजवी ने कहा कि इस विधेयक से यतीम बच्चों और बेवा महिलाओं की तरक्की होगी, जो समाज के कमजोर वर्ग हैं।


हालाँकि, मौलाना रजवी को इस विधेयक का समर्थन करने के कारण धमकियाँ भी मिली हैं। कुछ असामाजिक तत्व उन्हें धमका रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज करते हुए समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। उनका मानना है कि इस विधेयक से मुसलमानों का कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि यह उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान में सहायक सिद्ध होगा।


अंत में, मौलाना रजवी ने मुसलमानों से आग्रह किया है कि वे किसी के बहकावे में न आएं और वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में खड़े होकर अपने अधिकारों और हितों की रक्षा करें। यह विधेयक उनके लिए एक सकारात्मक कदम है, जो उनके सामाजिक और आर्थिक विकास में सहायक होगा। समाज में शांति और एकता बनाए रखते हुए इस परिवर्तन को स्वीकार करना समय की आवश्यकता है।

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