बिहार के पवित्र शहर बोधगया में 'बौद्ध ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र' की स्थापना की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 165.44 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत मंजूरी मिली है, और इसके लिए पहली किस्त के रूप में 16.54 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
परियोजना का स्वरूप और प्रेरणा
यह केंद्र बौद्ध धर्म के अनुयायियों और पर्यटकों के लिए ध्यान, साधना एवं आध्यात्मिक शांति का अनुभव प्रदान करेगा। इस केंद्र की वास्तुकला बिहार के प्रसिद्ध केसरिया स्तूप से प्रेरित होगी, जिससे इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रासंगिकता बढ़ेगी।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
✅ ध्यान एवं साधना केंद्र: यह केंद्र बौद्ध धर्म के अनुयायियों और पर्यटकों को ध्यान और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा।
✅ बौद्ध वास्तुकला से प्रेरित डिजाइन: इस केंद्र का ढांचा प्राचीन बौद्ध स्तूपों के आधार पर विकसित किया जाएगा, जो इसे एक अनोखी पहचान देगा।
✅ आधुनिक सुविधाएं: ध्यान साधना के लिए विशेष कक्ष, बौद्ध धर्म से संबंधित डिजिटल प्रदर्शनियां और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
✅ आर्थिक एवं पर्यटन विकास: इस परियोजना से बोधगया के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
वित्तीय प्रबंधन और कार्यान्वयन
इस परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (बीएसटीडीसी) को दी गई है, जबकि भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) को केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार आगे की धनराशि जारी की जाएगी।
बिहार में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
बोधगया विश्वभर के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। 'बौद्ध ध्यान एवं अध्यात्म केंद्र' की स्थापना से बिहार में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और बोधगया को एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता मिलेगी। यह परियोजना न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए बल्कि भारत के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।