भारत आध्यात्मिकता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। अपनी विविधता, संस्कृति के लिए जाना जाता है। वहीं पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत के मंदिरों का इतिहास काफी पुराना रहा है। हर मंदिर के पीछ अपनी आस्था और कहानी छिपी होती है। इन मंदिरों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। कई मंदिर तो अपनी डरावनी कहानियों के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं। जहां पर लोगों की डर से चीख तक निकल जाती है।
किराडू मंदिर
राजस्थान अपने संस्कार, संस्कृति और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। राजस्थान के बाड़मेर में किराडू मंदिर में लोग अकेले जाने से पहले कई बार सोचते हैं। क्योंकि इस मंदिर के संबंध में मान्यता है कि, इस मंदिर को साधुओं ने श्राप दिया था। तभी से यह मंदिर श्रापित हो गया है। बताया जाता है कि एक बार एक साधु अपने शिष्यों के साथ यहां घूमने के लिए आए थे। इसके बाद वह साधु कुछ समय के लिए अपने शिष्यों को यहां छोड़कर कहीं और चले गए थे। जब वह वापस आए तो देखा कि उनके सभी शिष्यों की मौत हो चुकी थी। इससे नाराज होकर साधू ने किराडू मंदिर को श्राप दिया था कि जो भी यहां घूमने आएगा। वह जिंदा वापस नहीं जा पाएगा।
भूतों वाला मंदिर
भूतों वाला मंदिर के नाम से ही इस मंदिर के बारे में अंदाजा लगा जा सकता हैं। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर को गुप्तकालीन मंदिर और भूतों वाला मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास भी काफी डरावना है। यह जानकर हैरानी होती है कि इस मंदिर में किसी भी देवी देवता की मूर्ति नहीं है। कहा जाता है कि एक दिन यहां से अजीब तरह की डरावनी आवाजें आने लगीं। जिसके बाद से यहां पर पूजा पाठ की शुरूआत हो गई। इस मंदिर में शाम को पूजा करने के लिए कोई नहीं आता है।
दत्तात्रेय मंदिर
मध्यप्रदेश में स्थित दत्तात्रेय मंदिर की गिनती भी भुतहा मंदिरों में की जाती है। यहां के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले लोगों को अजीब सा एहसास होता है। कई बार यहां आने वाले लोगों को लगता है कि उनके शरीर पर किसी का कब्जा है। अमावस्या के दिन इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति दर्शन के लिए नहीं आता है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर में जो व्यक्ति आता है वह गालियां देता है।
देवजी महाराज मंदिर
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मालाजपुर गांव में स्थित देवजी महाराज मंदिर में हर साल भूतों का मेला लगता है। जिन लोगों के ऊपर किसी प्रकार की ऊपरी साया होता है। उनके परिजन उन्हें यहां झाड़-फूंक कराने के लिए आते हैं। इसी के साथ ही हर महीने की पूर्णिमा को मंदिर के आंगन में लोग इधर-उधर भागता हो या शरीर पर साया खेलता हो तो ऐसी स्थिति में मंदिर के पुजारी ऐसे लोगों को झाडू मारकर उनके शरीर से बुरी आत्मा निकालने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा यहां के लोग इस मंदिर में तंत्र विद्या भी करते हैं।
मेंहदीपुर वालाजी
राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में शायद ही कोई नहीं जानता हो। यह हनुमानजी का दिव्य शक्ति से प्रेरित मंदिर है। बालाजी के इस मंदिर में जाने से लोगों को दुष्ट आत्माओं से छुटकारा मिलता है। इस मंदिर में भूत, अंत की बाधा और ऊपरी हवा से छुटकारा मिलता है। जिन लोगों पर ऊपरी साया होता है उन्हें यहां पर जंजीर से बंधा और उल्टे लटके देखा जा सकता है। मंदिर के चमत्कार को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। इसके अलावा यहां पर बालाजी की सुबह-शाम की आरती के दौरान कई लोग झूमते नजर आएंगे। मान्यता है कि मंदिर से वापस लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।
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