पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) का पुनर्विकास कार्य बिहार के लिए गर्व का विषय बन गया है। यह परियोजना न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल
PMCH का पुनर्निर्माण 5,462 बिस्तरों के साथ किया जा रहा है, जिससे यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत ₹5,540 करोड़ है और इसे तीन चरणों में 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 🏥 आधुनिक सुविधाओं से लैस
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हेलिपैड: आपातकालीन हवाई एम्बुलेंस के लिए अस्पताल की छत पर हेलिपैड की सुविधा होगी।
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नए मेडिकल कॉलेज: 250 छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता वाला नया मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
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आवासीय सुविधाएं: 644 फैकल्टी सदस्यों के लिए आवासीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
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विशेष वार्ड: 500 आपातकालीन बिस्तर, 500 आईसीयू बिस्तर, 136 निजी कमरे, 10 डीलक्स कमरे और वीआईपी के लिए दो विशेष सुइट्स शामिल होंगे।
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हरित भवन: पर्यावरण के अनुकूल 'ग्रीन बिल्डिंग्स' का निर्माण किया जाएगा, जिसमें अग्नि सुरक्षा और मेडिकल गैस पाइपलाइन की व्यवस्था होगी।
मेट्रो कनेक्टिविटी
PMCH परिसर के भीतर पटना मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है, जो अस्पताल को शहर के अन्य हिस्सों से जोड़ने में मदद करेगा।
राष्ट्रपति का सम्मान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने PMCH के शताब्दी समारोह के अवसर पर इसकी विरासत की सराहना की और इसे विश्व स्तरीय स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित करने की दिशा में उठाए गए कदमों की प्रशंसा की।
PMCH का यह पुनर्विकास न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित करेगा। यह परियोजना आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं, शिक्षा और आपातकालीन सेवाओं के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करेगी।