बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), पटना के संयुक्त तत्वावधान में एक अद्वितीय पहल की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य के शारीरिक शिक्षा के व्याख्याताओं को नवीनतम शोध एवं नवाचार से परिचित कराना है। इस पहल के तहत छह दिवसीय "एडवांस्ड रिफ्रेशर कोर्स" का आयोजन किया गया, जिसका समापन 24 मई 2025 को अत्यंत गरिमामय समारोह के साथ किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने न केवल शिक्षकों को अद्यतन ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें एक साझा मंच भी प्रदान किया जहाँ वे अनुभव साझा कर सकें और भविष्य की दिशा तय कर सकें।
बिहार खेल विश्वविद्यालय (BSUR) और SCERT, पटना के बीच हुआ समझौता ज्ञापन. यह इस बात का संकेतक है कि राज्य सरकार अब शारीरिक शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं, बल्कि संपूर्ण शिक्षा प्रणाली का आधार स्तंभ मान रही है। इस MoU के माध्यम से राज्य के व्याख्याताओं को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने का मार्ग प्रशस्त हुआ। इससे न केवल प्रशिक्षकों की क्षमता का विस्तार हुआ, बल्कि छात्रों को भी इससे लाभ होगा, क्योंकि प्रशिक्षक अब अधिक ज्ञानवर्धक और वैज्ञानिक पद्धतियों से शिक्षण कार्य कर सकेंगे।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम छह दिनों तक चला, जिसमें राज्य भर के 37 व्याख्याताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की संरचना इस प्रकार थी कि प्रतिभागियों को हर दिन विविध विषयों पर गहन जानकारी दी गई। कुल 23 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें से 15 सत्र ऑफलाइन और 8 सत्र ऑनलाइन माध्यम से संचालित किए गए। यह मिश्रित संरचना आज के डिजिटल युग में प्रशिक्षण के लचीलेपन और व्यावहारिकता को प्रदर्शित करता है। देशभर से चुने गए प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों का संचालन किया। उन्होंने शारीरिक शिक्षा के सिद्धांतों, नवीन शोधों, खेल विज्ञान, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और छात्रों के व्यवहारिक प्रशिक्षण जैसे विषयों पर व्याख्यान दिया।
इस सत्र में प्रशिक्षकों को वर्तमान वैश्विक ट्रेंड्स से अवगत कराया गया जैसे कि स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी, फिटनेस ट्रैकिंग, वर्चुअल कोचिंग आदि। खिलाड़ियों के मानसिक तनाव, प्रेरणा तकनीक, एवं तनाव-प्रबंधन जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई। आहार विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों के लिए संतुलित आहार, जल संतुलन, और प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले पोषक तत्वों पर जानकारी दी। नवाचार आधारित शिक्षण विधियों जैसे कि खेल आधारित लर्निंग, रोल-प्ले, केस स्टडीज और सिमुलेशन को अपनाने पर जोर दिया गया। विकलांग छात्रों की खेल भागीदारी, लैंगिक समानता और ग्रामीण-शहरी विभाजन को दूर करने पर विशेष सत्र आयोजित किया गया।
24 मई 2025 को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित समापन समारोह एक उपलब्धि का उत्सव था। इसमें प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए और उनकी सहभागिता को सम्मानित किया गया। इस समारोह में बिहार खेल विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर सिन्हा, कुलसचिव रजनी कांत, परीक्षा नियंत्रक-सह-डीन निशिकान्त तिवारी, तथा SCERT के शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. सैयद मोहम्मद अयूब सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित थे।
शारीरिक शिक्षा के सैद्धांतिक आधारों को मजबूत करने हेतु दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन भी इसी समारोह का हिस्सा बना। "शारीरिक शिक्षा का इतिहास, सिद्धांत एवं आधारभूत संरचना" पुस्तक डॉ. रंजीता प्रियदर्शिनी, व्याख्याता, डाइट, गोपालगंज द्वारा लिखी गई है। इसमें शारीरिक शिक्षा की उत्पत्ति, दर्शन और आधुनिक ढांचे को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। वहीं दूसरी पुस्तक "शारीरिक शिक्षा सफलता की कुंजी" यह पुस्तक डॉ. सैयद मोहम्मद अयूब द्वारा लिखा गया है। इसमें शारीरिक शिक्षा को न केवल खेल तक सीमित रखा गया है, बल्कि इसे जीवन कौशल और नेतृत्व विकास से जोड़ा गया है।
बिहार खेल विश्वविद्यालय एवं SCERT, पटना के इस संयुक्त प्रयास ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शारीरिक शिक्षा केवल शारीरिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन है। जब प्रशिक्षण, नवाचार और समर्पण एक साथ मिलते हैं, तो परिवर्तन अवश्यंभावी होता है। यह रिफ्रेशर कोर्स बिहार के लिए एक मॉडल बन चुका है, जिसे अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा सकता है। अगर इसी तरह से निरंतर प्रयास होते रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब बिहार खेल और शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा।