भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। अब से देश की धरती पर होने वाले किसी भी आतंकी हमले को 'युद्ध' के रूप में देखा जाएगा। यह ऐलान भारत की रक्षा नीति और आतंकवाद के प्रति उसकी ‘शून्य सहनशीलता’ (Zero Tolerance) को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
केंद्रीय रक्षा एवं गृह मंत्रालय के उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार, यदि पाकिस्तान की ओर से भारत में कोई आतंकवादी हमला होता है, तो उसे सीधा युद्ध के रूप में माना जाएगा और उसी स्तर पर प्रतिक्रिया दी जाएगी।
क्या है सरकार की नई सोच?
अब तक भारत आतंकी हमलों को "गैर-राज्य तत्वों" की करतूत मानकर सीमित जवाब देता था। लेकिन उरी और पुलवामा जैसे हमलों ने सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जब आतंकवाद सीमा पार से प्रायोजित होता है, तो उसे सिर्फ आतंकी घटना कहकर छोड़ना उचित नहीं।
इस नीति के लागू होते ही पाकिस्तान को एक स्पष्ट और कड़ा संदेश भेजा गया है: यदि भारत पर हमला होता है, तो यह न सिर्फ आतंकवाद माने जाएगा, बल्कि इसे युद्ध की स्थिति समझकर कार्रवाई की जाएगी।
सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का संदर्भ
2016 में उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसके बाद 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में बालाकोट एयर स्ट्राइक की गई थी। इन कार्रवाइयों ने दिखा दिया था कि भारत अब प्रतिक्रिया देने में संकोच नहीं करता।
नई नीति इन घटनाओं से एक कदम आगे बढ़कर कहती है कि अब से भारत सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि युद्ध स्तर की कार्रवाई के लिए भी तैयार रहेगा।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव
इस निर्णय से भारत की छवि वैश्विक स्तर पर और मजबूत होगी। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत पहले से ही पाकिस्तान पर आतंक को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है। अब इस नीति के माध्यम से भारत स्पष्ट कर रहा है कि देश की सुरक्षा अब राजनीति या कूटनीति का मुद्दा नहीं, बल्कि सीधी सैन्य रणनीति का विषय है।
पड़ोसी देशों के लिए चेतावनी
इस नीति का सीधा प्रभाव उन देशों पर पड़ेगा जो सीमापार आतंकवाद को संरक्षण देते हैं। खासकर पाकिस्तान के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब आतंकी हमलों को सीमित घटनाओं के तौर पर नहीं देखेगा। यदि हमला होगा, तो परिणाम युद्ध जैसे होंगे।
भारत की यह नई नीति उसकी रक्षा रणनीति में बड़ा बदलाव है। यह सिर्फ बयान नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — अब कोई भी देश या संगठन भारत की धरती पर आतंकी साजिश रचने से पहले उसके परिणामों के लिए तैयार रहे। यह कदम भारत को न केवल एक मज़बूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि आतंक के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी उसकी भूमिका को निर्णायक बनाएगा।