सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स खाक, अजहर की दुनिया राख

Jitendra Kumar Sinha
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भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे साहसिक और सटीक कार्रवाई करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के गढ़ बहावलपुर को निशाना बनाया। इस हमले में अजहर के परिवार के 10 सदस्य और उसके चार सबसे भरोसेमंद सहयोगी मारे गए। भारतीय वायुसेना की यह कार्रवाई रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच की गई, जिसमें बहावलपुर स्थित 'सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स' को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।


मसूद अजहर ने खुद एक ऑडियो बयान में यह स्वीकार किया कि उसके परिवार को इस हमले में भारी क्षति पहुंची है। उसके अनुसार, मारे गए लोगों में उसकी बड़ी बहन, बहनोई, दो भतीजे, एक भतीजी और पांच छोटे बच्चे शामिल हैं। उसकी मां भी इस हमले में मारी गई, जो पिछले कुछ वर्षों से जैश की महिला इकाई को देख रही थी। इसके अलावा उसके चार करीबी सहयोगी — जिसमें उसका फंडिंग मैनेजर और सैन्य रणनीतिकार भी शामिल था — मारे गए हैं।


मसूद अजहर पर यह अब तक की सबसे करारी चोट मानी जा रही है। सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स वह स्थान था जहाँ से जैश-ए-मोहम्मद की आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनती थी, फंडिंग होती थी और युवाओं को ब्रेनवॉश कर ट्रेनिंग दी जाती थी। यही वह जगह थी जहाँ 2001 में संसद हमले की साजिश रची गई थी और पुलवामा हमले की तैयारी हुई थी।


भारतीय सेना ने पुख्ता खुफिया जानकारी और सैटेलाइट इमेजिंग के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस मिशन को अंजाम देने वाली टीम में भारतीय वायुसेना की सबसे बेहतरीन स्क्वॉड्रन शामिल थीं। जानकारों के मुताबिक, बहावलपुर पर हमला करते वक्त भारत ने यह सुनिश्चित किया कि सिर्फ आतंकियों और उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर को ही निशाना बनाया जाए — आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।


मसूद अजहर को पहली बार लगा है कि भारत अब केवल कूटनीतिक स्तर पर विरोध तक सीमित नहीं रहेगा। जिस बहावलपुर को उसने सुरक्षित ठिकाना समझा था, वही अब उसके लिए कब्रगाह बन गया। अजहर की आवाज में आई थरथराहट इस बात का सबूत है कि भारतीय सेना का यह हमला न केवल भौतिक, बल्कि मानसिक और रणनीतिक स्तर पर भी जैश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है।


इस कार्रवाई के बाद अजहर का नेटवर्क लगभग पंगु हो गया है। उसके परिवार की मौत और कोर टीम के खात्मे ने जैश-ए-मोहम्मद को नेतृत्वविहीन बना दिया है। अब वह ना केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ा है, बल्कि पाकिस्तान के भीतर भी घिरे हुए महसूस कर रहा है। भारत ने यह दिखा दिया है कि वह अब ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की भाषा से आगे बढ़कर ‘पूर्ण विनाश’ की नीति अपना चुका है।


अगर इतिहास को कोई संदेश देना है, तो वो यही है: जो भारत की माँग को सिंदूर से लहूलुहान करेगा, उसका अंत धूल और राख में होगा।

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