भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुँच गया है। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान द्वारा की गई भारी गोलाबारी में कई भारतीय नागरिकों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए हैं। भारतीय सेना ने इस उकसावे का करारा जवाब देते हुए सीमापार स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए हैं।
पाकिस्तान की गोलाबारी में नागरिक हताहत
पाकिस्तान की ओर से की गई अंधाधुंध गोलाबारी में जम्मू-कश्मीर के कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में 8 नागरिकों की मौत हो गई है और 47 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। गोलाबारी के कारण कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई: 'ऑपरेशन सिंदूर'
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। भारतीय वायुसेना ने नौ स्थानों पर सटीक हमले किए, जिनमें अहमदपुर ईस्ट, बहावलपुर, मुरिदके और मुजफ्फराबाद शामिल हैं। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट के कई ठिकानों को नष्ट किया गया है। भारतीय सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं और 60 से अधिक घायल हुए हैं।
पाकिस्तान का दावा और भारत की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने भारतीय वायुसेना के पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराया है, जिनमें तीन राफेल, एक सुखोई-30 और एक मिग-29 शामिल हैं। हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके सभी विमान सुरक्षित हैं और कोई नुकसान नहीं हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से विवाद सुलझाने की अपील की है। चीन, अमेरिका, रूस और फ्रांस सहित कई देशों ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए शांति बनाए रखने का आग्रह किया है।
पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी, जिसे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच किसी भी प्रकार की सैन्य टकराव की आशंका से अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी चिंतित है। ऐसे में आवश्यक है कि दोनों देश संयम बरतें और कूटनीतिक माध्यमों से विवादों का समाधान निकालें।