कोविड-19 के नये वेरिएंट से निपटने के लिए सरकार सतर्क, तैयारियों की हुई उच्चस्तरीय समीक्षा

Jitendra Kumar Sinha
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स्वास्थ्य विभाग की ओर से पटना के विकास भवन स्थित सभागार में सोमवार को एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य कोविड-19 के नये वेरिएंट के मद्देनज़र राज्य की तैयारियों की गहन समीक्षा करना था। बैठक की अध्यक्षता राज्य के विकास आयुक्त एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने की।


स्थिति पर गंभीरता से लिया गया संज्ञान

बैठक में वर्तमान संक्रमण की स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, टेस्टिंग व उपचार की व्यवस्था, साथ ही दवाओं और ऑक्सीजन जैसे जरूरी संसाधनों की आपूर्ति की समीक्षा की गई। सरकार का फोकस यह सुनिश्चित करने पर रहा कि राज्य का स्वास्थ्य तंत्र किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे।


नये वेरिएंट से घबराने की नहीं, सतर्कता बरतने की जरूरत

अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आमजन को आश्वस्त करते हुए कहा कि कोरोना के नये वेरिएंट को लेकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने बताया कि आईएनएसएसीओजी (INSACOG) द्वारा भारत में कोविड-19 के दो नये सब-वेरिएंट — NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान की गई है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दोनों को केवल "निगरानी में रखे गए वेरिएंट" की श्रेणी में रखा है।


सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश

बैठक के दौरान राज्य के सभी सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों को निर्देश दिए गए कि वे संदिग्ध मामलों की पहचान में सतर्कता बरतें, सक्रिय निगरानी करें और समय पर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करें। अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि सभी जिलों को किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।


जन जागरूकता और निगरानी को दी गई प्राथमिकता

स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में जांच किट, मास्क, दवाएं, ऑक्सीजन और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, जनमानस में जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाए जाने पर भी बल दिया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, समन्वय और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जा रही है।


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए प्रदेशभर के प्रतिनिधियों की भागीदारी

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह, बीएमएसआईसीएल के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र कुमार, विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. अनुपमा सिंह, और अन्य प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही, राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और अधीक्षक के साथ-साथ एम्स, आईजीआईएमएस, आरएमआरआई, ईएसआईसी और बिहटा के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े।


बिहार सरकार द्वारा उठाए गए कदम यह स्पष्ट संकेत देते हैं कि राज्य कोविड-19 के किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जहां एक ओर चिकित्सा संसाधनों को मजबूत किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जनजागरूकता बढ़ाकर संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में आम नागरिकों को चाहिए कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सतर्कता बरतते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

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