पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को हुआ आक्रामक प्रोस्टेट कैंसर

Jitendra Kumar Sinha
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को आक्रामक प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है। यह खबर जैसे ही सामने आई, न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में हलचल मच गई। 82 वर्षीय बाइडेन हाल ही में स्वास्थ्य संबंधी जाँचों के दौर से गुजर रहे थे, और विशेषज्ञों ने उनकी स्थिति को "गंभीर लेकिन उपचार योग्य" बताया है।


क्या है प्रोस्टेट कैंसर?

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों की एक आम लेकिन कभी-कभी घातक बीमारी है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होती है। यह ग्रंथि पुरुषों के प्रजनन तंत्र का हिस्सा होती है। जब यह कैंसर आक्रामक हो जाता है, तो यह तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है।


जो बाइडेन की स्वास्थ्य स्थिति

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइडेन की बीमारी का पता नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान चला। डॉक्टरों ने बताया कि कैंसर का प्रकार "एग्रेसिव" है, यानी यह तेजी से फैलने वाला है, लेकिन समय पर उपचार मिलने से इसमें सुधार संभव है।


व्हाइट हाउस से जुड़े सूत्रों के अनुसार, बाइडेन का इलाज फिलहाल वॉशिंगटन डीसी के एक प्रमुख कैंसर संस्थान में शुरू हो चुका है। डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनकी निगरानी कर रही है, जिसमें ऑन्कोलॉजी, यूरोलॉजी और जेरियाट्रिक चिकित्सा के विशेषज्ञ शामिल हैं।


राजनीतिक हलकों में हलचल

बाइडेन की बीमारी की खबर ऐसे समय पर आई है जब अमेरिका 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। हालांकि उन्होंने पहले ही स्पष्ट किया था कि वे दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी में वे अब भी एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता के रूप में माने जाते हैं। उनकी बीमारी ने न केवल डेमोक्रेटिक खेमे में चिंता पैदा की है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।


दुनियाभर से मिल रही संवेदनाएं

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रिषि सुनक सहित कई विश्व नेताओं ने जो बाइडेन के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। सोशल मीडिया पर #GetWellSoonBiden ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग अपने भावनात्मक संदेश साझा कर रहे हैं।


इलाज और आगे की राह

चिकित्सकों के मुताबिक, बाइडेन के कैंसर का इलाज रेडिएशन थैरेपी और हार्मोन ट्रीटमेंट के माध्यम से किया जाएगा। उम्र को देखते हुए सर्जरी की संभावना कम है, लेकिन टारगेटेड मेडिकेशन और इम्यूनोथैरेपी का सहारा लिया जा सकता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उनका शरीर इलाज को अच्छी तरह से स्वीकार करता है, तो वे कुछ महीनों में पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। हालांकि उम्र और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं इलाज को जटिल बना सकती हैं।


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