इमरान खान की मौत की अफवाह: पाकिस्तानी सरकार ने किया खंडन, साजिश या अफवाह का जाल?

Jitendra Kumar Sinha
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। कई प्लेटफॉर्म्स पर यह दावा किया गया कि इमरान खान की जेल में मृत्यु हो गई है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार और प्रशासन ने इन खबरों को पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठा करार दिया है।


पाकिस्तान की सरकार ने आधिकारिक रूप से बयान जारी करते हुए कहा कि इमरान खान सुरक्षित हैं और रावलपिंडी की अटॉक जेल में ही बंद हैं। सरकार का कहना है कि यह सब एक "डिसइन्फॉर्मेशन कैम्पेन" का हिस्सा है, जिसका मकसद देश में राजनीतिक अस्थिरता फैलाना और जनता को भड़काना है।


अफवाह की शुरुआत कैसे हुई?

यह अफवाह एक फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुई, जिसमें दावा किया गया कि जेल में इमरान खान की हालत बिगड़ गई और इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई। इस पोस्ट के वायरल होते ही पाकिस्तान में हलचल मच गई। समर्थकों ने सोशल मीडिया पर "Justice for Imran Khan" ट्रेंड करना शुरू कर दिया।


शहबाज़ शरीफ सरकार की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की सरकार ने इस अफवाह को 'राजनीतिक शरारत' बताया है। सरकार का कहना है कि इमरान खान के खिलाफ चल रहे केसों से ध्यान हटाने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहानुभूति पाने के लिए जानबूझकर यह झूठ फैलाया गया है।


सरकारी प्रवक्ता ने कहा,
"इस तरह की झूठी खबरें न सिर्फ देश की छवि खराब करती हैं, बल्कि जेल प्रशासन और न्यायिक प्रक्रिया पर भी सवाल खड़ा करती हैं।"


इमरान खान की पार्टी पीटीआई का बयान

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने भी बयान जारी कर कहा कि इमरान खान जीवित और स्वस्थ हैं। पार्टी ने समर्थकों से संयम बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।


असल मंशा क्या है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इमरान खान को लेकर यह अफवाहें उनके बढ़ते जन समर्थन को देखते हुए फैलाई जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में इमरान खान की लोकप्रियता में इज़ाफा देखा गया है, खासकर न्यायिक दमन और मीडिया प्रतिबंधों के बावजूद।

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