भारत ने आधिकारिक रूप से बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट्स की शुरुआत कर दी है, जिससे वह अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे 120 से अधिक देशों की सूची में शामिल हो गया है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सुगम बनाने और डिजिटल परिवर्तन को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
ई-पासपोर्ट क्या है?
ई-पासपोर्ट एक उन्नत प्रकार का पासपोर्ट है जिसमें एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप लगी होती है। यह चिप पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पासपोर्ट नंबर, चेहरे की बायोमेट्रिक डेटा और फिंगरप्रिंट्स को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करती है। पासपोर्ट के कवर पर एक छोटा सुनहरा आयताकार प्रतीक यह संकेत देता है कि पासपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक कार्यक्षमता है।
ई-पासपोर्ट के लाभ
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सुरक्षा में वृद्धि: बायोमेट्रिक डेटा के समावेश से पहचान की धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
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तेज इमिग्रेशन प्रक्रिया: ई-पासपोर्ट्स के माध्यम से इमिग्रेशन काउंटरों पर तेजी से पहचान संभव होती है, जिससे यात्रा का समय कम होता है।
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वैश्विक मान्यता: ई-पासपोर्ट्स अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं, जिससे विदेशी यात्राओं में सुविधा मिलती है।
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डिजिटल परिवर्तन: यह पहल भारत के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाती है और सरकारी सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाती है।
ई-पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
भारतीय नागरिक निम्नलिखित चरणों का पालन करके ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं:
पंजीकरण: पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर जाएं और खुद को पंजीकृत करें।
लॉगिन: अपने क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके पोर्टल में लॉगिन करें।
फॉर्म भरें: आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
शुल्क भुगतान: ऑनलाइन माध्यम से निर्धारित शुल्क का भुगतान करें।
अपॉइंटमेंट बुक करें: निकटतम पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) या डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) में अपॉइंटमेंट बुक करें।
दस्तावेज़ सत्यापन: निर्धारित तिथि पर केंद्र में जाकर दस्तावेज़ों का सत्यापन कराएं और बायोमेट्रिक डेटा प्रदान करें।
ई-पासपोर्ट्स का निर्माण नासिक में किया जा रहा है, और इनका देशव्यापी रोलआउट 2025 के मध्य तक पूरा होने की योजना है। यह पहल भारत की पहचान प्रबंधन प्रणाली को आधुनिक बनाने और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।