बिहार सरकार ने “प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (पीएमईजीपी)” के अंतर्गत उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। पहले स्थान पर जम्मू-कश्मीर और दूसरे स्थान पर तमिलनाडू रहा।
बिहार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य भर से 35 हजार 406 आवेदन लोन के लिए प्राप्त हुआ था। जिनमें से 8 हजार 77 आवेदनों को स्वीकृति दी गई।
“प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (पीएमईजीपी)” का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। इसके तहत उन्हें स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए 20 लाख से 50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
“प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (पीएमईजीपी)” में आवेदन करने के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। आवेदनकर्ता की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास होनी चाहिए। वैसे युवा इस योजना के पात्र नहीं होंगे, जिन्होंने पूर्व में किसी सरकारी ऋण सब्सिडी का लाभ प्राप्त किया हो।
“प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (पीएमईजीपी)” का लाभ नए प्रोजेक्ट के तहत ही खासतौर से लिया जाता है। पहले से चल रही परियोजनाओं को इसमें शामिल नहीं किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत सामान्य कोटि के लाभार्थियों को शहरी क्षेत्र में 15 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत के अनुदान लाभ मिलता है।
आरक्षित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिला, अल्पसंख्यक एवं दिव्यांगजनों को शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 35 प्रतिशत तक का लाभ दिया जाता है।
“प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (पीएमईजीपी)” के क्रियान्वयन से राज्य के युवा बड़ी संख्या में लाभ प्राप्त करके स्वरोजगार को अपना रहे हैं। युवाओं को स्वालंबी बनाते हुए रोजगार मुहैया कराने में यह योजना बेहद कारगर साबित हो रहा है।
———————