इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को संभल की शाही जामा मस्जिद से जुड़े विवाद में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मस्जिद प्रबंधन समिति की याचिका खारिज कर दिया है।
यह याचिका संभल की निचली अदालत द्वारा मस्जिद के सर्वेक्षण के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई थी।
हिन्दू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद मुगल सम्राट बाबर के सेनापति द्वारा एक प्राचीन हरिहर मंदिर को ध्वस्त कर बनवाई गई थी। निचली अदालत ने पिछले वर्ष इस दावे के आधार पर मस्जिद का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था।
न्यायाधीश रोहित रंजन ने कहा कि निचली अदालत द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से सर्वेक्षण और अधिवक्ता आयुक्त नियुक्ति का आदेश कानूनन उचित है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मामला पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के तहत प्रतिबंधित महीं है, क्योंकि यह संपत्ति पर अधिकार के विवाद से संबंधित है।
मुस्लिम पक्ष का तर्क था कि निचली अदालत ने उसी दिन सर्वे का आदेश दे दिया जिस दिन याचिका दाखिल हुई थी, जो जल्दबाजी में उठाया गया कदम था।