कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान की आतंकवाद नीति पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2015 में लाहौर दौरे और उसके बाद 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन बदले में आतंकवाद का सामना करना पड़ा।
ऑपरेशन सिंदूर और अंतरराष्ट्रीय समर्थन
थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा की गई सर्जिकल कार्रवाई को वैश्विक स्तर पर समर्थन दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और अब समय आ गया है कि दुनिया इस पर एकजुट होकर कार्रवाई करे।
अमेरिका को दिखाया पाकिस्तान का असली चेहरा
थरूर ने अमेरिकी जनता को याद दिलाया कि जिस तरह अमेरिका ने 'ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर' के तहत ओसामा बिन लादेन को मारा, उसी तरह भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंक के अड्डों को निशाना बनाया है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने ओसामा को पनाह दी, जो सेना की छावनी के बगल में छिपा था। इससे यह साफ होता है कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की प्रतिबद्धता केवल छलावा है।
भारत का नया रुख – “जोर से मारो, चतुराई से मारो”
थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय डोज़ियर और सबूत दिए, लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें नजरअंदाज किया। अब भारत ने संदेश साफ कर दिया है: अगर हमला होगा, तो जवाब सटीक और करारा मिलेगा। इस बयान के जरिए भारत यह संकेत दे रहा है कि अब आतंकवाद को केवल नीति के स्तर पर नहीं, बल्कि कार्यवाही के स्तर पर भी रोका जाएगा।
शशि थरूर के इन बयानों से स्पष्ट है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ और अधिक सख्त रुख अपनाने के लिए तैयार है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी इसी प्रकार की अपेक्षा रखता है।