भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान मीडिया ब्रीफिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर भारत की सटीक हवाई हमलों की जानकारी साझा की।
प्रारंभिक जीवन और सैन्य करियर
व्योमिका सिंह का नाम ही उनके भविष्य की दिशा को दर्शाता है—'व्योमिका' का अर्थ है 'आकाश में रहने वाली'। बचपन से ही उन्हें उड़ान भरने का सपना था, जिसे उन्होंने नेशनल कैडेट कोर (NCC) में शामिल होकर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके साकार किया। वह अपने परिवार की पहली सदस्य हैं जिन्होंने सशस्त्र बलों में सेवा देने का निर्णय लिया।
उन्होंने 2004 में भारतीय वायुसेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया और 2019 में फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन प्राप्त किया।
उड़ान का अनुभव और मिशन
व्योमिका सिंह ने 2,500 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं, जिसमें उन्होंने 'चेतक' और 'चीता' जैसे हेलीकॉप्टरों को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के कठिन इलाकों में उड़ाया है।
उन्होंने कई बचाव अभियानों में भाग लिया है, जिनमें नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में एक महत्वपूर्ण बचाव मिशन शामिल है, जहाँ उन्होंने कठिन मौसम और ऊँचाई में नागरिकों को सुरक्षित निकाला।
ऑपरेशन सिंदूर में नेतृत्व
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत, भारत ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
इस ऑपरेशन की जानकारी साझा करने के लिए आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर मीडिया को संबोधित किया, जिससे उनका नेतृत्व और पेशेवर दक्षता स्पष्ट हुई।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि समर्पण, परिश्रम और देशभक्ति के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
उनकी यह यात्रा न केवल भारतीय वायुसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि महिलाएं देश की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं।