बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने एकीकृत 71वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा (PT) में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को बड़ा अलर्ट जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि अभ्यर्थी अपने नाम, माता-पिता के नाम, लिंग, आधार नंबर और जन्म तिथि में आवेदन के बाद कोई संशोधन नहीं कर सकते हैं। इसका मतलब है कि यदि आपने एक बार गलत विवरण भर दिया, तो उसे सुधारने का कोई दूसरा मौका नहीं मिलेगा।
बीपीएससी को ई-मेल, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अभ्यर्थियों की कई शिकायतें प्राप्त हुई थी। शिकायतें मुख्यतः OTR (वन टाइम रजिस्ट्रेशन) और आवेदन फॉर्म में विवरण भरने में हो रही कठिनाइयों को लेकर थीं। अभ्यर्थियों ने बताया कि कई बार छोटी सी गलती भी आगे चलकर बड़ी परेशानी बन जाती है, और उन्हें परीक्षा में भाग लेने से वंचित रहना पड़ता है। आयोग का कहना है कि अधिकांश समस्याएं अभ्यर्थियों द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं करने की वजह से हो रही हैं।
BPSC की वेबसाइट पर “Guidelines for Candidates” के नाम से एक विशेष सेक्शन उपलब्ध है, जिसमें जनरल इंस्ट्रक्शन और यूजर मैनुअल दिया गया हैं। आयोग ने अभ्यर्थियों से अपील किया है कि वे इन दिशा-निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसके बाद ही आवेदन प्रक्रिया शुरू करें।
आयोग ने यह भी कहा है कि कई अभ्यर्थी फॉर्म भरने के लिए सीधे साइबर कैफे कर्मियों पर निर्भर हो जाते हैं, जो अक्सर निर्देशों को ठीक से नहीं पढ़ते। नतीजतन, कई बार सामान्य जानकारी जैसे नाम, लिंग या जन्मतिथि में भी गलती हो जाती है, जो कि बाद में सुधारी नहीं जा सकती। “अभ्यर्थी अपना फॉर्म स्वयं भरें या भरोसेमंद व्यक्ति की मदद लें। लेकिन बिना गाइडलाइन पढ़े आवेदन न करें।”
अभ्यर्थियों के लिए सुझाव है कि OTR करते समय सावधानी बरतें। एक बार की गई गलती आगे भी खिंचती है। नाम, माता-पिता का नाम, जन्म तिथि, लिंग व आधार की जानकारी बिल्कुल सही और आधार कार्ड के अनुसार भरें। आवेदन से पहले BPSC की वेबसाइट पर जाकर User Manual और General Instructions जरूर पढ़ें। स्क्रीनशॉट या प्रिंटआउट रखें ताकि कोई गड़बड़ी होने पर साक्ष्य रहे।
——————————