भारत सरकार ने अपने कर्मचारियों के प्रशासनिक रिकॉर्ड को डिजिटल करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कार्मिक मंत्रालय ने देश के सभी केंद्रीय सरकारी विभागों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब कर्मचारियों की ई-सेवा पुस्तिकाएं (Digital Service Book) तैयार की जाएं। इसके साथ ही भौतिक (कागजी) सेवा पुस्तिकाओं को धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा।
सेवा पुस्तिका सरकारी कर्मचारी के संपूर्ण करियर का लेखा-जोखा होता है। इसमें उसकी नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, वेतनवृद्धि, छुट्टियां, दंडात्मक कार्रवाइयों से लेकर सेवानिवृत्ति तक की सभी जानकारी दर्ज होती है। यह दस्तावेज किसी कर्मचारी की सेवा-यात्रा की जीवित गवाही होता है, जो प्रशासनिक पारदर्शिता और सुचारू कार्यप्रणाली के लिए बेहद जरूरी है।
कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, ई-सेवा पुस्तिका के जरिए कर्मचारियों की जानकारी को एक केंद्रीकृत और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इससे कर्मचारियों को अपनी सर्विस डिटेल्स देखने, अपडेट करवाने और शिकायत दर्ज करने में आसानी होगी। विभागों को भी प्रशासनिक प्रक्रियाएं तेज और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
पारदर्शिता में बढ़ोतरी होगी क्योंकि कर्मचारी के हर बदलाव का रिकॉर्ड तुरंत ऑनलाइन उपलब्ध होगा। भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा क्योंकि फर्जी प्रविष्टियों और कागजी हेरफेर की संभावनाएं खत्म होगी। सेवानिवृत्ति लाभों में तेजी आएगी क्योंकि पेंशन और अन्य लाभों की प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। ई-गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि डिजिटल इंडिया अभियान के तहत यह एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को ई-सेवा पुस्तिका को जल्द से जल्द लागू करने का आदेश दिया है। इसके लिए संबंधित विभागों को अपने कर्मचारियों की जानकारी को डिजिटल स्वरूप में दर्ज कराना होगा। इसके साथ ही सभी नए कर्मचारियों की नियुक्ति के साथ ही उनकी ई-सेवा पुस्तिका बनाना अनिवार्य कर दिया गया है।
ई-सेवा पुस्तिका का यह कदम केवल रिकॉर्ड रखने का तरीका ही नहीं बदल रहा है, बल्कि यह भारत सरकार की कार्यप्रणाली को डिजिटल युग में पूरी तरह ढालने की दिशा में भी एक क्रांतिकारी प्रयास है। इससे न केवल कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही में भी उल्लेखनीय सुधार आएगा।
