थाईलैंड में स्थित 'जेम्स बॉन्ड आइलैंड' अपने अनोखे प्राकृतिक सौंदर्य और फिल्मी पहचान के कारण विश्वभर में मशहूर है। असली नाम “को तपू (Ko Tapu)” होने के बावजूद यह द्वीप 1974 में आई हॉलीवुड फिल्म “The Man with the Golden Gun” की शूटिंग के बाद 'जेम्स बॉन्ड आइलैंड' के नाम से लोकप्रिय हो गया है।
“जेम्स बॉन्ड आइलैंड” थाईलैंड के फांग नगा बे (Phang Nga Bay) में स्थित है, जो खुद में एक अनोखी भौगोलिक संरचना है। यह इलाका हरे-नीले पानी, सीधी ऊँचाई में खड़ी चूना पत्थर की चट्टानों, और लगभग 40 से अधिक छोटे-बड़े द्वीपों का अद्भुत मेल है। यहां की चट्टानें समुद्र से ऐसे निकलती हैं जैसे किसी मूर्तिकार ने उन्हें खास तौर पर तराशा हो।
‘को पिंग गन’ (Khao Phing Kan) नामक द्वीप जेम्स बॉन्ड आइलैंड के पास स्थित है, जो अपने रहस्यमयी गुफाओं और समुद्र से टकराती चट्टानों के लिए जाना जाता है। ‘पिंग गन’ का अर्थ है “झुकी हुई चट्टानें”, और ये द्वीप सही मायनों में इस नाम को सार्थक करता है। यहाँ की गुफाएं पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव देता हैं, विशेषकर जब टाइड कम होता है और आप इन गुफाओं के भीतर नाव से प्रवेश कर सकते हैं।
1974 की फिल्म “The Man with the Golden Gun” में जेम्स बॉन्ड के प्रतिद्वंदी का अड्डा यहीं दिखाया गया था। इसके बाद से यह द्वीप न सिर्फ थाईलैंड, बल्कि दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शुमार हो गया। फिल्म की लोकप्रियता ने इस द्वीप को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है और इसे देखने के लिए हजारों पर्यटक हर साल थाईलैंड आते हैं।