झारखंड को अक्सर खनिजों की धरती कहा जाता है, लेकिन यह राज्य सिर्फ कोयले और लौह अयस्क के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि इसकी धरती पर बिखरी हुई प्राकृतिक छटाएँ, घने जंगल, सुरम्य घाटियाँ और बहते झरने भी इसे खास बनाते हैं। इन्हीं सौंदर्य से परिपूर्ण स्थलों में से एक है “दशम जलप्रपात (Dasam Falls)”, जो राजधानी रांची से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यह जलप्रपात न केवल अपनी ऊँचाई और प्रवाह के लिए, बल्कि आसपास के प्राकृतिक वातावरण और ऐतिहासिक-भौगोलिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है।
झारखंड के खूबसूरत जलप्रपातों में दशम जलप्रपात का नाम सबसे ऊपर है। यह जलप्रपात कांची नदी पर स्थित है, जो स्वयं सुवर्णरेखा नदी की एक सहायक धारा है। यहाँ गिरते जल की तेज गर्जना और उससे उठता झरना-धुंध पर्यटकों के मन को मोह लेता है। यह स्थान रांची से मात्र 34 किलोमीटर दूर है, इसलिए यह सप्ताहांत की छुट्टियों या अल्पकालिक भ्रमण के लिए आदर्श स्थल बना हुआ है।
इस जलप्रपात का नाम "दशम" कैसे पड़ा, यह भी उतना ही रोचक है जितना इसका सौंदर्य। स्थानीय मुंडारी जनजातीय भाषा में "दाशोंग" शब्द का अर्थ होता है ‘जहाँ पानी गिरता है। कालांतर में यही शब्द लोकप्रचलन में बदलकर "दशम" बन गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह स्थल न केवल भौगोलिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और भाषाई रूप से भी महत्वपूर्ण है।
दशम जलप्रपात लगभग 44 मीटर (144 फीट) की ऊँचाई से गिरता है। इतनी ऊँचाई से गिरते पानी की ध्वनि और दृश्य एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता हैं। जलप्रपात का प्रवाह मानसून के दौरान तीव्र हो जाता है, जिससे इसकी भव्यता और भी बढ़ जाती है। यह जलप्रपात एक निक पॉइंट (Nick Point) का उदाहरण है, जहाँ किसी नदी की ढलान में अचानक परिवर्तन होता है। इस प्रकार की भौगोलिक संरचना जलप्रपातों की उत्पत्ति का मुख्य कारण होता है। दशम जलप्रपात के चारों ओर फैले घने जंगलों में अनेक प्रकार के वृक्ष, पौधे, पक्षी और तितलियाँ पाई जाती हैं। यहाँ का पारिस्थितिक तंत्र संतुलित और विविधतापूर्ण है। यह क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीव छायाकारों और शोधकर्ताओं के लिए स्वर्ग समान है।
दशम जलप्रपात के पास स्थित चट्टानें, हरियाली और जल के बहाव वाले क्षेत्र इस स्थान को फोटोग्राफी के लिए आदर्श बनाते हैं। पर्यटक अक्सर यहाँ पिकनिक मनाने आते हैं। ठंडी हवा, पंछियों की आवाज़ और गिरते पानी की गर्जना एक अलौकिक अनुभव प्रदान करता है। यह क्षेत्र हल्के ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त है। जंगल के रास्ते, चढ़ाई और सीढ़ियाँ रोमांच प्रेमियों के लिए एक आकर्षण हैं। यह स्थान एडवेंचर और नेचर टूरिज्म दोनों को साथ-साथ पोषित करता है।
रांची से NH-33 (अब NH-18) के माध्यम से तैमारा गाँव होते हुए दशम जलप्रपात पहुँचा जा सकता है। रांची से यात्रा लगभग एक घंटे में पूरी हो जाती है। अंतिम कुछ किलोमीटर की सड़क संकरी है, लेकिन अच्छी तरह से ड्राइविंग करने पर कोई कठिनाई नहीं होती है। रांची रेलवे स्टेशन इस क्षेत्र का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यहाँ से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से दशम जलप्रपात पहुँचा जा सकता है। स्टेशन पर टैक्सी और ऑटो रिक्शा की सुविधा भी उपलब्ध रहती है। रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से सड़क मार्ग द्वारा दशम जलप्रपात पहुँचा जा सकता है।
जुलाई से सितंबर महीने की अवधि में जलप्रपात अपने पूर्ण प्रवाह पर रहता है। वर्षा अधिक होने के कारण रास्तों में फिसलन और जलप्रपात के पास जलस्तर बढ़ जाता है, इसलिए थोड़ी सावधानी आवश्यक होती है। लेकिन अक्टूबर से फरवरी महीने में दशम जलप्रपात की यात्रा सबसे उपयुक्त माना जाता है। मौसम शीतल होता है, वर्षा नहीं होती है, और भीड़ भी कम रहता है। फोटोग्राफी और पिकनिक के लिए यह समय अच्छा रहता है।
यहाँ प्रवेश निःशुल्क है, जो इसे हर वर्ग के पर्यटकों के लिए सुलभ बनाता है। जलप्रपात के तल तक पहुँचने के लिए लगभग 300 सीढ़ियाँ उतरनी पड़ती हैं। ये सीढ़ियाँ अच्छी तरह से निर्मित हैं और मार्ग में विश्राम स्थल भी उपलब्ध हैं।
दशम जलप्रपात के आस-पास लगभग 70 किमी दूर घने जंगलों के बीच हिरणी जलप्रपात, लगभग 50 किमी दूर जोनहा जलप्रपात, सत्य भगवती मंदिर, बुंडू एक धार्मिक स्थल है और दर्शनीय स्थलों में रांची हिल्स भी शामिल है।
दशम जलप्रपात के आसपास के गाँवों में मुंडा, उरांव और खड़िया जनजातियाँ निवास करती हैं। इनकी जीवनशैली प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ी हुई है। यहाँ की बांबू और लकड़ी की कलाकृतियाँ, स्थानीय व्यंजन जैसे "धुस्का", "पीठा", और "चावल-साग" अद्वितीय अनुभव प्रदान करता हैं।
दशम जलप्रपात केवल एक पर्यटन स्थल ही नहीं है, बल्कि एक प्राकृतिक मंदिर है, जहाँ जल, वायु, मिट्टी और हरियाली एक साथ मिलकर एक दिव्य अनुभव रचते हैं। यह स्थान झारखंड की उस सुंदरता का प्रतीक है जो अब भी पर्यटकों के बड़े नक्शे से कहीं छुपी हुई है। यदि शहर की भीड़-भाड़ से दूर, प्रकृति के करीब कुछ समय बिताना हैं, तो दशम जलप्रपात एक आदर्श स्थल है।