बिहार की सड़क और रेल संरचना में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। अब राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना तक अधिकतम साढ़े तीन घंटे में पहुँचना महज सपना नहीं, बल्कि जल्द ही हकीकत बनने जा रहा है। केंद्र सरकार ने बिहार के 223 रेलवे फाटकों पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाने की मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य के यातायात को गति और सुरक्षा दोनों ही मिलेगा।
राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग की ओर से पिछले कुछ महीनों से इस दिशा में सतत प्रयास किया जा रहा था। अंततः केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय ने इस पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए 223 आरओबी की स्वीकृति प्रदान कर दिया है।
गुरुवार को बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, रेलवे बोर्ड के सदस्य नवीन गुलाटी, पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगी।
इस परियोजना के तहत पहले चरण में सहरसा, छपरा, सीतामढ़ी, गया, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, औरंगाबाद और मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों के 12 रेलवे फाटकों पर आरओबी/आरयूबी निर्माण को हरी झंडी मिल गया है। वह है- सहरसा जिला का रेलवे फाटक संख्या-104B1(सहरसा जंक्शन-बैजनाथपुर), छपरा जिला का रेलवे फाटक संख्या-47spl(छपरा जंक्शन-छपरा कचहरी), सीतामढ़ी जिला का रेलवे फाटक संख्या-55C/3(सीतामढ़ी-डुमरा), गया जिला का रेलवे फाटक संख्या-39/C/T(पहाड़पुर-गुरपा) एव 8/C (परैया-गुरारू), लखीसराय जिला का रेलवे फाटक संख्या-24/A/E (अभयपुर- मसुदन) एवं 27/B/T (कजरा -अभयपुर), जमुई जिला का रेलवे फाटक संख्या-36 (झाझा-सिमुलतला), मुंगेर जिला का रेलवे फाटक संख्या-17/A/E (जमालपुर-दशरथपुर), औरंगाबाद जिला का रेलवे फाटक संख्या-28/B (फेशर-बघोई कुसा) एवं 23/C/T (जाखिम-बघोई कुसा) और मुजफ्फरपुर जिला का रेलवे फाटक संख्या-123 (मोतीपुर-मेहसी) ।
इन जिलों में जाम की सबसे बड़ी वजह यही फाटक हैं, जिनके कारण यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। आरओबी बनने के बाद न सिर्फ यातायात जाम से राहत मिलेगी, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त 48 और आरओबी के डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार किया जा चुका हैं और उन्हें भी अगले महीने तक स्वीकृति मिलने की संभावना है। साथ ही 112 अन्य आरओबी के डीपीआर पर काम चल रहा है।
पथ निर्माण विभाग ने मार्च से मई के बीच विशेष अभियान चलाकर रेलवे से इन सभी 223 स्थलों के लिए एनओसी प्राप्त कर लिया है। इसके अलावा ग्रामीण कार्य विभाग जैसे अन्य एजेंसियों की सड़कों पर अवस्थित 259 रेलवे फाटकों में से 236 का भी एनओसी मिल चुका है।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस उपलब्धि को बिहार के लिए बड़ी सफलता बताते हुए कहा है कि यह योजना राज्य में एक नई गति लाएगी। उन्होंने कहा है कि आरओबी के निर्माण से जाम की समस्या खत्म होगी और यात्रा का समय भी कम होगा।
पथ निर्माण मंत्री ने रेल मंत्रालय के त्वरित सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया है कि बिहार सरकार समयबद्ध तरीके से इन परियोजनाओं को लागू कराने के लिए हरसंभव सहयोग करेगी।
यह परियोजना सिर्फ यातायात के सुगम संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार के विकास पथ पर एक बड़ा कदम है, जो उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक कार्यों को गति देने में मदद करेगा।