ई-शिक्षा कोष पोर्टल से शिक्षकों को मिली नई तैनाती

Jitendra Kumar Sinha
0




बिहार के शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। लंबे समय से स्थानांतरण का इंतजार कर रहे शिक्षकों को आखिरकार उनका नया विद्यालय आवंटित कर दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के अनुसार, स्थानांतरण श्रेणी एक से छह तक के कुल 26,665 शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से विद्यालय आवंटित कर दिया गया हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और डिजिटल तरीके से की गई है।

इस बार जिन शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ मिला है, उन्हें विशेष मानवीय परिस्थितियों के आधार पर इस प्रक्रिया में प्राथमिकता दी गई है। इनमें मुख्य कारण लाइलाज या गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षक, पति-पत्नी की अलग-अलग जगहों पर तैनाती और विशेष पारिवारिक परिस्थितियाँ शामिल हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में कार्य करने वाले शिक्षकों पर मानसिक और शारीरिक दबाव बढ़ता है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होता है। इसलिए इस वर्ग को स्थानांतरण प्रक्रिया में वरीयता दी गई है।

इस बार की स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से संचालित किया गया है। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों ने अपनी पसंद के स्कूलों का चयन किया था और पोर्टल के माध्यम से उन्हें उसी अनुरूप विद्यालय आवंटित कर दिया गया है। इससे स्थानांतरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और सिफारिश की संभावना समाप्त हो गई है। शिक्षा विभाग के अनुसार, डिजिटल माध्यम से हुए इस स्थानांतरण ने न केवल समय की बचत की है, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता भी लाई है। अधिकांश शिक्षकों को उनकी प्राथमिकता के अनुसार, विद्यालय आवंटित किया गया है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक के अनुसार अभी 111 शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया लंबित है। इन मामलों की समीक्षा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। यह शिक्षक विशेष श्रेणियों या तकनीकी कारणों से वंचित रह गए हैं।

इस निर्णय के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर देखी गई है। कई शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं और सरकार को धन्यवाद दिया है। पटना जिला की एक शिक्षिका ने बताया है कि "मैं पिछले दो साल से गंभीर बीमारी से जूझ रही थी और घर से 150 किमी दूर पदस्थापित थी। अब मुझे अपने गृह जिले में विद्यालय मिला है। यह मेरे लिए भावनात्मक राहत है।"

बिहार सरकार का यह कदम शिक्षकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। न केवल इससे उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि विद्यार्थियों को भी नियमित और मनोयोगी शिक्षक मिल सकेगा। ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष स्थानांतरण प्रणाली अब एक नई मिसाल बनता जा रहा है। 



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top