बिहार सरकार ने वंशावली (परिवार वृक्ष) प्रमाणन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है | अब नोटरी द्वारा सत्यापित शपथपत्र (affidavit) भी वंशावली प्रमाण के लिए वैध माना जाएगा—अब पंचायत सचिवों या एसडीओ से अतिरिक्त दस्तावेज की मांग नहीं हो सकेगी। यह नियम सभी नागरिकों और अधिकारियों के लिए अनिवार्य है; अनावश्यक दस्तावेज मांगने पर कार्रवाई की जा सकती है।
सरकार जल्द ही ऑनलाइन वंशावली प्रमाणन सुविधा भी शुरू करने जा रही है, जिससे प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सरल बनेगी।
मुख्य बिंदु:
-
नोटरी‑सत्यापित हलफनामा ही अब वंशावली के लिए पर्याप्त होगा।
-
पंचायतों द्वारा अनावश्यक ज़बरदस्ती वाले दस्तावेज की मांग पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई संभव होगी।
-
प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन सुविधाएं जल्द शुरू होंगी।
लाभ:
-
जाति, वृद्धावस्था‑पेंशन, विधवा‑पेंशन, आवास, आय आदि सरकारी योजनाओं में तेजी से प्रमाणित वंशावली का उपयोग हो सकेगा।
-
आम जनता को वंशावली तैयार कराने में अब कम झंझट होगी, सरकारी दस्तावेज़ बनाने की प्रक्रिया सरल होगी।
