बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और चर्चित विधायक गोपाल मंडल ने एक बार फिर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने का सपना देखना छोड़ दें क्योंकि उनके पास न तो अनुभव है, न ही नेतृत्व की क्षमता।
गोपाल मंडल ने कहा कि लालू यादव अब बूढ़े हो गए हैं और उन्हें सब बातें याद नहीं रहतीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लालू यादव पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह सही हैं। उनके अनुसार, लालू यादव को पहले ही सजा मिल चुकी है और अब जनता को समझ आ गया है कि कौन नेता काम का है और कौन केवल नाम का।
तेजस्वी यादव को लेकर उन्होंने कहा कि “वो अभी बच्चे हैं, राजनीति समझने में वक्त लगेगा। सिर्फ बाप का नाम लेकर कोई मुख्यमंत्री नहीं बन सकता।” इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि बिहार में सिर्फ नीतीश कुमार जैसे अनुभवी नेता ही राज्य को विकास के रास्ते पर ले जा सकते हैं।
गोपाल मंडल के इस बयान से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। जेडीयू और आरजेडी के बीच पहले से तल्ख़ रिश्तों के बीच इस बयान को एक और बड़ी दरार के रूप में देखा जा रहा है। खासकर तब जब जेडीयू महागठबंधन में शामिल होकर आरजेडी के साथ सरकार चला रही है।
राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि गोपाल मंडल का यह बयान सिर्फ उनकी निजी राय नहीं, बल्कि पार्टी के अंदर चल रहे संभावित असंतोष की झलक भी हो सकता है। फिलहाल आरजेडी की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरखाने में हलचल तेज हो गई है।
बिहार की राजनीति में ऐसे तीखे और खुले बयानों से एक बात तो साफ है—यह गठबंधन बाहर से भले ही मजबूत दिखता हो, लेकिन अंदरखाने कुछ और ही पक रहा है। आने वाले समय में इन बयानों का असर विधानसभा की राजनीति और आगामी चुनावी रणनीतियों पर जरूर पड़ेगा।