31 मई 2025 को राजस्थान के विभिन्न जिलों में 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत हवाई हमले और ड्रोन हमलों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में जयपुर, कोटा, भरतपुर, सीकर, झालावाड़, कोटपूतली-बहरोड़, बाड़मेर, जालोर, करौली और बीकानेर सहित कई जिलों में राहत और बचाव कार्यों का पूर्वाभ्यास किया गया। सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और चिकित्सा टीमें इस अभ्यास में सक्रिय रहीं।
जयपुर: स्कूल में ड्रोन हमला और छत से रेस्क्यू
जयपुर के खातीपुरा स्थित शहीद मेजर दिग्विजय सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान स्कूल ग्राउंड में ड्रोन हमला हुआ और सिविल डिफेंस तथा एसडीआरएफ की टीमों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायलों को अस्पताल पहुंचाया। छत पर फंसे लोगों को क्रेन की मदद से बचाया गया, जिसमें एनसीसी कैडेट्स ने भी सहयोग किया।
सीकर: मेडिकल कॉलेज में धमाके और घायलों का रेस्क्यू
सीकर के कल्याण मेडिकल कॉलेज में मॉक ड्रिल के दौरान चार-पांच धमाकों की स्थिति बनाई गई। कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि एयर स्ट्राइक की सूचना पर 25-30 घायलों को एसके अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें एक बच्ची सहित कुछ लोगों को पांचवीं मंजिल से उतारा गया। अभ्यास में तीन लोगों की मृत्यु दिखाई गई।
झालावाड़: मधुमक्खियों का हमला
झालावाड़ में कालीसिंध बांध पर ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल के दौरान मधुमक्खियों ने कलेक्टर, एसपी और अन्य अधिकारियों पर हमला कर दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
अन्य जिलों में भी मॉक ड्रिल
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कोटा: स्टेशन के आर्मी इलाके के हल्दीघाटी गेट पर ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल की गई। कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि यह अभ्यास आपातकालीन सेवाओं की जांच के लिए था।
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भरतपुर: बृजेंद्र बिहारी जी मंदिर में ड्रोन हमले की रिहर्सल हुई। एडीएम सिटी राहुल सैनी ने बताया कि पुलिस, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, आर्मी, क्यूआरटी और एम्बुलेंस टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और घायलों को आरबीएम अस्पताल भेजा गया।
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बाड़मेर: उत्तलाई एयरबेस के आवासीय परिसर में ड्रोन हमले का अभ्यास किया गया, जिसमें कलेक्टर टीना डाबी और एसपी नरेंद्र सिंह मीणा के नेतृत्व में राहत कार्य शुरू हुए।
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जालोर: रेलवे स्टेशन पर बमबारी की स्थिति में 30 घायल और चार मृतकों का परिदृश्य बनाया गया।
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करौली: गवर्नमेंट कॉलेज में हवाई हमले की मॉक ड्रिल में 10-15 घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भेजा गया।
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बीकानेर: सीमा सड़क संगठन पर हवाई हमले की स्थिति में 20 लोगों को बचाने का अभ्यास किया गया।
ब्लैकआउट के दौरान क्या करें, क्या नहीं?
ऑपरेशन शील्ड के तहत ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका पालन कर आपात स्थिति में सुरक्षित रहने में मदद मिलेगी:
क्या करें:
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सायरन बजने पर शांतिपूर्वक निकटतम सुरक्षित शरण स्थल पर जाएं।
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शरण स्थल तक पहुंचने के लिए प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गों का उपयोग करें।
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आपातकालीन सेवाओं के निर्देशों का पालन करें।
क्या न करें:
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सायरन बजने के बाद खुले में न रहें।
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अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करें।
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बिना अनुमति के आपातकालीन सेवाओं के कार्य में बाधा न डालें।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना और संभावित खतरे के प्रति तत्परता सुनिश्चित करना है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सहयोग करें।