आपातकाल में कांग्रेस सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला

Jitendra Kumar Sinha
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 25 जून 2025 को कहा कि कांग्रेस सरकार ने आपातकाल के दौरान प्रेस की स्वतंत्रता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया था। भाजपा इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है, क्योंकि 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल घोषित किए जाने के 50 साल पूरे हो गए हैं।


पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि उस दिन मौलिक अधिकारों को रौंदा गया, प्रेस की स्वतंत्रता खत्म कर दी गई और हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया। उन्होंने बताया कि 42वें संविधान संशोधन ने संविधान की आत्मा को कुचलने का काम किया।


गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि यह कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं बल्कि “कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख” का परिणाम था। न्यायपालिका को बंधक बनाया गया और प्रेस को दबा दिया गया। भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र पर हमला था और आज भी कांग्रेस की मानसिकता नहीं बदली है।


प्रधानमंत्री के अनुसार, प्रेस की स्वतन्त्रता तब की सरकार द्वारा कुचल दी गई थी, जिससे लोकतंत्र जैसे मूल्यों को चोट पहुँची और उस दौरान निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सबसे बड़ा प्रभाव पड़ा। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वालों को सलाम करते हुए कहा कि वही संघर्ष लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने में सहायक सिद्ध हुआ ।

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