बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल ट्रॉफी जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ में कई लोगों की मौत और दर्जनों घायल हो गए। इस दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और आयोजकों की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने इस घटना को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए कहा कि, "यह लोकप्रियता का नकारात्मक पक्ष है। लोग अपने क्रिकेटरों के लिए पागल हैं। आयोजकों को इसे बेहतर तरीके से योजना बनानी चाहिए थी। मेरी गहरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद, बेंगलुरु में एक भव्य विजय जुलूस की योजना बनाई गई थी, जिसमें लाखों प्रशंसकों के शामिल होने की उम्मीद थी। हालांकि, भारी भीड़ और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में कम से कम 11 लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक घायल हुए।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने स्वीकार किया कि भीड़ को नियंत्रित करना बेहद कठिन था और पुलिस को स्थिति संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इस त्रासदी के बाद, विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इतनी बड़ी भीड़ के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। बीजेपी नेता बी. वाई. विजयेंद्र ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
यह घटना एक चेतावनी है कि बड़े सार्वजनिक आयोजनों की योजना बनाते समय सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आयोजकों, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
हम इस दुखद घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
