भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो Axiom-4 अंतरिक्ष मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने जा रहे हैं, उनकी लॉन्चिंग अब 11 जून को होगी। पहले यह प्रक्षेपण 10 जून को निर्धारित था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया।
Axiom-4 मिशन को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं – अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, भारत के शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के स्लिवोश उज़नान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू। मिशन की अवधि करीब 14 से 21 दिन होगी, जिसमें अंतरिक्ष में लगभग 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे। इनमें मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों, पोषण, और माइक्रोग्रैविटी में जैविक प्रक्रियाओं को समझने के लिए अध्ययन शामिल हैं।
शुभांशु शुक्ला के इस मिशन को भारत के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुँचने वाले पहले भारतीय बनेंगे। यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ के लिए भी अहम कदम माना जा रहा है।
इस मिशन की लॉन्चिंग इससे पहले भी दो बार टाली जा चुकी है—पहले 8 जून को और फिर 10 जून को। मौसम संबंधी कारणों जैसे ऊँची हवाओं और लॉन्च विंडो में तकनीकी बाधाओं के चलते इस फैसले को लिया गया।
इस उड़ान के साथ शुभांशु शुक्ला का नाम उन चुनिंदा भारतीयों में शामिल हो जाएगा जिन्होंने अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनके प्रशिक्षण और चयन की प्रक्रिया बेहद कठिन रही, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार फिटनेस, साइकोलॉजिकल स्टेबिलिटी और तकनीकी दक्षता की जांच की गई।
अब सबकी निगाहें 11 जून की लॉन्चिंग पर टिकी हैं, जब भारत का यह नया अंतरिक्ष योद्धा धरती से ऊपर, विज्ञान की नई ऊँचाइयों की ओर रवाना होगा।