1 जून 2025 को, यूक्रेन ने 'ऑपरेशन वेब' के तहत रूस के चार प्रमुख एयरबेस पर एक सुनियोजित ड्रोन हमला किया, जिसमें 41 रूसी बॉम्बर्स विमानों को नष्ट कर दिया गया। इस हमले में फर्स्ट-पर्सन-व्यू (FPV) ड्रोन का उपयोग किया गया, जिन्हें ट्रकों में छिपाकर रूस के अंदर भेजा गया था। जब सही समय आया, तो इन ट्रकों की छतें रिमोट से खोली गईं और ड्रोन सीधे रूसी विमानों को निशाना बनाने के लिए उड़ गए।
हमले के लक्ष्य में बेलाया (इरकुत्स्क), ओलेन्या (मुरमांस्क), डियाघिलेवो (रियाजान) और इवानोवो एयरबेस शामिल थे। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) के अनुसार, इस ऑपरेशन की योजना डेढ़ साल में बनाई गई थी और इसकी निगरानी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और SBU प्रमुख वासिल मल्युक ने की थी।
इस हमले में रूस के A-50, Tu-95 और Tu-22M3 जैसे प्रमुख बॉम्बर्स विमान नष्ट हुए, जो अक्सर यूक्रेनी शहरों पर मिसाइलें दागते थे। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन से रूस को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है, जबकि FPV ड्रोन की कीमत कुछ सौ डॉलर होती है।
रूसी अधिकारियों ने हमलों की पुष्टि की है, लेकिन नुकसान के विवरण साझा नहीं किए हैं। इरकुत्स्क और मुरमांस्क के गवर्नरों ने ड्रोन हमलों की पुष्टि की है, और सोशल मीडिया पर भी ड्रोन को ट्रकों से उड़ते हुए देखा गया है।
यह ऑपरेशन रूस-यूक्रेन युद्ध में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है, जिससे यूक्रेन की ड्रोन क्षमता और रणनीति सामने आई है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि ड्रोन वॉरफेयर का तरीका तेजी से बदल रहा है, और यूक्रेन अब रूस के भीतर तक हमला करने की क्षमता रखता है।