
बिहार सरकार के विधि विभाग ने राज्यभर में विधिक सेवाओं को सशक्त और सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को विभाग द्वारा जारी मेधासूची के अनुसार, राज्य के 38 जिलों के लिए कुल 533 नए नोटरी (लेख्य प्रमाणक) नियुक्त किया गया है। इनकी नियुक्ति से न केवल दस्तावेजों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया सुचारु होगी, बल्कि आम जनता को कानूनी दस्तावेजों से जुड़ी सेवाएं अब और अधिक सुलभता से मिल सकेगा।
नोटरी वह अधिकृत व्यक्ति होता है जिसे सरकार द्वारा प्रमाणित किया जाता है कि वह दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि कर सकता है। विवाह पंजीकरण, वसीयत, एग्रीमेंट, हलफनामा जैसे दस्तावेजों को कानूनी वैधता दिलाने में नोटरी की भूमिका अहम होता है। उनकी नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रिया पर अनावश्यक बोझ कम होता है और नागरिकों को छोटी-छोटी कानूनी प्रक्रियाओं के लिए कोर्ट जाने की जरूरत नही पड़ता।
विधि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पटना जिला सबसे आगे रहा जहां 95 नोटरी को नियुक्ति किया गया है। यह जिला में बढ़ती कानूनी जरूरतों और दस्तावेज प्रमाणीकरण की मांग को देखते हुए किया गया है। अन्य प्रमुख जिलों में भी संतुलित तरीके से नियुक्ति किया गया है ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, दोनों में नागरिकों को लाभ मिल सके।
विभाग ने इन नियुक्तियों के लिए 16 जून से 30 जून 2025 तक राज्यभर में साक्षात्कार आयोजित किया था। इसके तहत अभ्यर्थियों की योग्यता, अनुभव, विधिक समझ और आचरण का जांच किया गया था। विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई है, जिससे योग्य और काबिल उम्मीदवारों को मौका मिल सका।
राज्य सरकार का यह कदम विधिक व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है। इससे आम नागरिकों को न केवल कानूनी सहायता सुलभ होगा बल्कि न्याय प्रक्रिया में देरी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं पर भी अंकुश लगेगा।
विधि विभाग ने संकेत दिया है कि नियुक्ति प्रक्रिया को चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ाया जाएगा, और जरूरत के अनुसार भविष्य में और नोटरी नियुक्त किया जा सकता है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि राज्य के प्रत्येक हिस्से में लोगों को कानूनी सेवाएं समय पर और निकटता से उपलब्ध हो।
