राज्य सरकार का बड़ा फैसला, जर्जर हो चुके 240 कार्यालयों का होगा नवनिर्माण और 60 प्रखंडों में बनेंगे आवासीय परिसर युक्त नए भवन।
बिहार में प्रशासनिक सुधार और आम जनता को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश के 300 प्रखंडों में अब एकीकृत प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे सरकारी कामकाज में तेजी आने और लोगों को एक ही छत के नीचे सभी संबंधित सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर भवन निर्माण विभाग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है और अगस्त के पहले सप्ताह तक निविदा (टेंडर) प्रक्रिया को हर हाल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
यह योजना दो मुख्य भागों में विभाजित है। पहले चरण में, राज्य के उन 240 प्रखंडों को लक्षित किया गया है जहाँ मौजूदा प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन या तो अत्यंत जर्जर हो चुका है या मरम्मत के लायक नहीं है। इन पुराने और असुरक्षित भवनों को ध्वस्त कर उनके स्थान पर आधुनिक और सुविधायुक्त कार्यालयों का निर्माण होगा। दूसरे चरण में, उन 60 प्रखंडों को शामिल किया गया है जहाँ अब तक कोई समर्पित कार्यालय भवन नहीं था। इन स्थानों पर न केवल प्रखंड सह अंचल कार्यालय बनाया जाएगा, बल्कि कर्मचारियों के लिए एक आवासीय परिसर भी विकसित किया जाएगा ताकि प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध रह सकें।
इस वृहद परियोजना के लिए वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। पुराने भवनों की जगह नए कार्यालय बनाने के लिए प्रति प्रखंड 16 करोड़ 62 लाख 10 हजार रुपये की राशि मंजूर की गई है। वहीं, जिन 60 प्रखंडों में कार्यालय और आवासीय परिसर दोनों का निर्माण होना है, उनके लिए प्रति प्रखंड 30 करोड़ 74 लाख 17 हजार रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
भवन निर्माण विभाग के सचिव, श्री कुमार रवि की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में इस योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में यह जानकारी दी गई कि 300 में से 276 प्रखंडों में भवनों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गई है और मिट्टी की जांच तथा कंट्रोल मैपिंग जैसी तकनीकी प्रक्रियाएं भी पूरी कर ली गई हैं।
सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि टेंडर प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अगस्त के पहले सप्ताह तक यह प्रक्रिया पूरी करने का सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि इसमें लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस योजना के तहत राज्य के 32 भवन प्रमंडलों में निर्माण कार्य किया जाएगा, जिसमें गया में 14, छपरा में 13, बेगूसराय में 12, भागलपुर और मोतिहारी में 11-11, तथा आरा, बेतिया, दरभंगा, मधुबनी और पूर्णिया में 10-10 कार्यालय भवनों का निर्माण शामिल है। इन नए भवनों के बनने से न केवल सरकारी कर्मचारियों को एक बेहतर और सुरक्षित कार्यस्थल मिलेगा, बल्कि आम लोगों को भी अपने कामों के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी, जिससे उनके समय और संसाधनों की बचत होगी। यह कदम राज्य में जमीनी स्तर पर प्रशासनिक दक्षता और सार्वजनिक सेवा वितरण को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

