भारत के उद्योग जगत में अब एक नई प्रतिस्पर्धा की लहर दौड़ने जा रही है। अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाला अदाणी समूह अब पेट्रोरसायन क्षेत्र में कदम रखने को तैयार है। समूह ने गुजरात के मुंद्रा में एक बड़े पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड) विनिर्माण संयंत्र की स्थापना की योजना बनाई है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 10 लाख टन होगी। यह कदम न केवल अदाणी समूह के विविधीकरण को दर्शाता है, बल्कि यह देश की सबसे बड़ी पेट्रोरसायन कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए सीधी चुनौती भी है, जो इस क्षेत्र में वर्षों से प्रमुख स्थान पर बनी हुई है।
पीवीसी (Polyvinyl Chloride) एक प्रकार का सिंथेटिक प्लास्टिक पॉलिमर है, जिसका उपयोग उद्योग और घरेलू जरूरतों में बड़े पैमाने पर होता है। इसका इस्तेमाल पाइप, फिटिंग, केबल इंसुलेशन, दरवाजे-खिड़की के फ्रेम, विनाइल फ्लोरिंग, वॉल कवरिंग, खिलौने और यहां तक कि क्रेडिट कार्ड बनाने में भी होता है। भारत में पीवीसी की सालाना मांग करीब 40 लाख टन है, जबकि देश की उत्पादन क्षमता मात्र 15.9 लाख टन है। इसका मतलब यह है कि भारत को बड़ी मात्रा में पीवीसी का आयात करना पड़ता है। इस आयात निर्भरता को कम करने के लिए अदाणी समूह का यह कदम काफी रणनीतिक माना जा रहा है। अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज मुंद्रा में पेट्रोरसायन संकुल (Petrochemical Complex) स्थापित कर रही है। इसी संकुल में यह 10 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता वाला पीवीसी प्लांट भी लगाया जा रहा है, जिसे वित्त वर्ष 2027-28 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह संयंत्र न केवल उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर, स्थानीय उद्योगों को कच्चा माल, और विदेशी मुद्रा की बचत जैसे कई सकारात्मक असर लाएगा।
अब तक रिलायंस इंडस्ट्रीज इस क्षेत्र में लगभग 50% घरेलू उत्पादन हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रही है। लेकिन अब अदाणी की एंट्री से यह समीकरण बदल सकता है। यह प्रतिस्पर्धा न केवल कीमतों में संतुलन ला सकता है, बल्कि तकनीकी नवाचार और उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प भी उपलब्ध करा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में पीवीसी की मांग 8-10% सालाना की दर से बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में अदाणी समूह का यह निवेश दीर्घकालिक दृष्टिकोण से बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। जहां एक ओर रिलायंस इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं अदाणी समूह अपने नए संयंत्र के माध्यम से न केवल बाजार हिस्सेदारी पाने की कोशिश करेगा, बल्कि पूरे पेट्रोरसायन क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है।
गौतम अदाणी का पीवीसी संयंत्र भारत के प्लास्टिक और निर्माण उद्योग के लिए नई उम्मीद है। साथ ही यह निवेश दिखाता है कि अदाणी समूह अब ऊर्जा, खनन, परिवहन और डेटा सेंटर से आगे बढ़ते हुए पेट्रोरसायन की दुनिया में भी अपनी गूंज दर्ज कराने को तैयार है।
